20141203

कलाकार व मौके


विशाल भारद्वाज की फिल्म मकड़ी से लोकप्रिय हुई अभिनेत्री श्वेता बासु प्रसाद इन दिनों चर्चा में हैं. उन पर आरोप है कि वे देह व्यापार से जुड़ी हैं. निर्देशक हंसल मेहता ने कहा है कि वह श्वेता को लेकर फिल्म बनायेंगे. श्वेता ने तर्क दिया है कि वह पिछले कई सालों से लगातार प्रयासरत हैं. लेकिन उन्हें अच्छे मौके नहीं मिल रहे. हंसल व कई निर्देशक कह रहे कि उन्हें मौके देंगे. तो सवाल यह उठता है कि निर्देशकों को श्वेता या श्वेता जैसी अभिनेत्रियां हमेशा इतनी चर्चा होने के बाद  ही क्यों याद आती हैं. महेश भट्ट ने सनी लियोन को बिग बॉस से लाकर फिल्मी दुनिया में शामिल किया. इसलिए क्योंकि उस वक्त सनी चर्चित थीं. श्वेता के बारे में कई लोगों ने तर्क दिये हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि हां, बॉलीवुड में अच्छे अवसर मिलने मुश्किल होते हैं. कुछ कुछ होता है में सना सईद ने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी. इसके बाद वे लगातार नजर आ रही हैं. चूंकि वह करन जौहर के नजदीक हैं. सो, उन्हें मौके मिलते जा रहे हैं. लेकिन श्वेता व कई कलाकारों को मौके नहीं मिलते. स्लमडॉग मिलिनेयर के बच्चे आज भी स्लम में ही हैं. इस फिल्म से किसी का फायदा हुआ तो फ्रीडा पींटो का. खुद मीरा नायर की फिल्म सलाम बांबे में काम कर चुके बाल कलाकारों ने मुझसे अपनी बातें साझा की थी. जिसमें उन्होंने स्वीकारा था कि फिल्म बनने के बाद उन्हें कोई बड़े मौके दोबारा नहीं मिले. हां, यह हकीकत है कि हर कलाकार को दोबारा मौके देना संभव नहीं किसी निर्देशक के लिए. लेकिन अगर कोई राष्टÑीय पुरस्कार सम्मान कलाकार है तो जाहिर है. उसमें प्रतीभा तो होगी ही. फिर उसकी अनदेखी क्यों? राखी सावंत अगर चीख कर कहती हैं कि उन्हें अब आयटम नंबर करने नहीं मिलते, क्योंकि अभिनेत्रियां आयटम नंबर करने लगी हैं, तो हकीकत यह है कि जिन्हें जो मौके मिलने चाहिए नहीं मिल रहे

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