20141203

सिनेमा व देसी जुड़ाव

करीबी दोस्त लेह लद्दाख से भ्रमण करके आयी हैं. अपनी यात्रा के दौरान वे लद्दाख के 3 इडियट्स प्वाइंट्स पर भी गयीं. उन्होंने बताया उन्हें वहां के स्थानीय लोगों ने जानकारी दी  कि 3 इडियट्स फिल्म की शूटिंग के बाद से वहां टूरिस्ट की संख्या तो बढ़ी हैं. साथ ही वहां कई रेस्टोरेंट 3 इडियट्स के नाम पर खुल गये हैं. मसलन वहां फिल्म इंडस्ट्री न होते हुए भी अप्रत्यक्ष रूप से लोगों के लिए सिनेमा आय का स्रोत बन रही हैं. स्पष्ट है कि सिनेमा की वजह से कई ऐसी जगहें हैं, जो लोकप्रिय हुई हैं. फिल्म शोले का रामगढ़ आज भी लोकप्रिय हैं. दरअसल, सिनेमा ने कई शहर गढ़े हैं, आय का साधन बनी हैं. एक भोजपुरी सिनेमा के डिस्ट्रीब्यूटर की बातचीत में उन्होंने बताया था कि वे अपनी फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश के हर उस इलाके में करते हैं, जहां से उन्हें उम्मीद है कि दर्शक थियेटर आयेंगे. चूंकि जब लोगों को यह जानकारी मिलती है कि उनका शहर फिल्म में नजर आयेगा तो लोग कनेक्ट हो ही जाते हैं. सिनेमा में वह खिंचाव है. वह आकर्षण है,जो आप पर फौरन असर करता  है. आज भी कश्मीर में जिन जिन हिंदी फिल्मों की शूटिंग हुई है. उन फिल्मों के नाम से वे प्वाइंट्स लोकप्रिय हो गये हैं. जिस तरह आस्था की आड़ में लोग एक पत्थर को भी भगवान मान बैठते हैं और राह चलते उस पत्थर को टिकने लगते हैं और फूल माला अर्पित करने लगते हैं. सिनेमा को लेकर भी लोगों की मानसिकता ऐसी ही है. आमतौर पर भी आप किसी स्थान पर जायें, या आप उन चीजों को इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. जिनसे किसी अभिनेता या अभिनेत्री का नाम जुड़ा होता है. चूंकि सितारों को छूने उनके स्पर्श मात्र को छू लेने की चाहत एक आम दर्शक में होती है और वे उन स्थानों पर जहां शूटिंग होती है. उस आभास मात्र से भी उन्हीं खुशियों को तलाशने की कोशिश करते हैं.

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