आमिर खान ने सत्यमेव जयते के एक एपिसोड में महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया था. फिल्मों में महिलाओं को आयटम के रूप में परोसना? कहां तक उचित है? वाकई एक महत्वपूर्ण विषय है. इन दिनों सोनी टीवी के बॉक्स क्रिकेट लीग के एक प्रोमो को देखें तो एक अभिनेत्री एक प्लेयर को रिझाती है और उसे आउट कर देती है. और फिर अपने जैकेट के जीप को ऊपर कर लेती है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म एक् शन जैक् शन में फिल्म की किरदार मरीना से जिस तरह से अंग प्रदर्शन कराया गया है. निश्चित तौर पर निर्देशक के जेहन में यही बात होगी कि इसी बहाने वे कुछ दर्शकों को आकर्षित कर सकेंगे. लगातार इस मुद्दे पर जो बातें हो रही हैं कि क्या फिल्में व टीवी पर महिलाओं को आयटम की तरह परोसना बंद किया जाना चाहिए तो वाकई जरूरत है कि मेकर्स भी सतर्क हों. और साथ ही साथ अभिनेत्रियों को भी इस बात के लिए विरोध करना चाहिए. कंगना रनौत ने कहा है कि उनकी कोशिश होगी कि अब वह अश्लील आयटम सांग नहीं करेंगी. हां, मगर इस मुद्दे से कलाकारों के किरदार को नहीं आंकना चाहिए. मसलन फिल्म में अगर कोई अभिनेत्री सिल्क का किरदार निभा रही है तो जाहिर है, वह उसी किरदार में होंगी. हां, मगर बेमतलब आयटम के रूप में प्रस्तुत होना भी उतना ही गलत है. जितना इसके मेकर्स. छोटा परदे की पहुंच आम बच्चों तक है. ऐसे में ये उत्तेजित करनेवाले वाले प्रोमोज पर भी प्रतिबंध लगना ही चाहिए. आमतौर पर आदर्श बहू के रूप में नजर आनेवाली छोटे परदे की अभिनेत्रियां क्यों ऐसे प्रोमोज में आने से परहेज नहीं करतीं. यह एक अहम मुद्दा है. खुशी है कि आमिर जैसे सुपरस्टार ने इस पर बहस तो शुरू की है और एक पहल तो की है. वरना, अभिनेत्रियां यूं ही आयटम रूप के रूप में प्रस्तुत होती रहेंगी और इन्हें इस बात से कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा.
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