20141203

रतिक रोशन


 मेरा मानना है कि बुराई पर अच्छाई की जीत तभी हो सकती है. जब आप अपने आस-पास की सारी नेगेटिव चीजों को खुद से दूर रखें. नेगेटिविटी को आस पास भटकने ही न दें.  साथ ही अपने अंदर की नेगेटिविटी को भी खत्म करें. दूसरे क्या कर रहे हैं, कैसा कर रहे हैं. इस पर बिल्कुल गौर न करें. अपने काम पर, अपनी शक्ति पर ध्यान दें. सिर्फ पूजा पाठ करने से आपमें अच्छाई नहीं आ सकती. अच्छाई तभी आयेगी. जब वह आपके आचरण में नजर आयेगी. मुझे लगता है कि अगर आप सच में किसी का भला करना चाहते हैं, तो उनकी चुगली करना बंद करें. पीठ पीछे वार करना बंद करें. लोगों में प्यार बांटें. और अपना रास्ता खुद तलाशें. किसी के भरोसे जिंदगी को जीने की कोशिश न करें. मेरा मानना है कि अगर आप सकारात्मक सोच रखते हैं, तो हर व्यक्ति आपको सकारात्मक ही नजर आयेगा. उसकी अच्छी चीजें आपको पहले आकर्षित करेंगी. दूसरी बात यह भी अहम है कि कई लोगों के जेहन में ये भी होती हैं कि वह अपने बारे में बुरी बातें सुन कर अपने अंदर बुराई को जन्म दे देते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप खुद पर विश्वास रखें और अपनी खूबियों को जानें. आलोचना सुनें. लेकिन बेवजह की बातों को दरकिनार करें. उन पर ध्यान न दें. तभी आप बुराई को खत्म कर पायेंगे और बेहतर इंसान बन पायेंगे. 

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