अमिताभ बच्चन ने पिछले दिनों अपनी कोलकाता भ्रमण पर टिष्ट्वट किया कि उन्होंने इस बार कोलकाता में अपने उस पुराने अपार्टमेंट को तलाशने की कोशिश की, जहां वे अपनी नौकरी के दिनों में रहा करते थे और कैसे एक रूम में कूल 8 लोग रहा करते थे. अमिताभ ने जिक्र किया कि अब वह अपार्टमेंट वहां नजर नहीं आ रहा है. लेकिन वे उसे बहुत मिस कर रहे हैं. दिलीप कुमार साहब का बचपन पेशावर में बीता. बाद में उनके इस घर को राष्टÑीय धरोहर के रूप में सहेजा गया. सो, दिलीप कुमार अपनी बचपन की यादों को दोबारा महसूस कर सकते हैं. दरअसल, एक सफल व्यक्ति उन यादों को ताउम्र अपने साथ कैद किये चलता है, जिन यादों ने उसे मजबूत बनाया है. फिर उन यादों में उन्हें ठोकरें ही क्यों न मिली हो. एक सफल व्यक्ति के इतिहास में झांकना भी बेहद रोचक होता है. इन दिनों सोनी टीवी हर घर कुछ कहता है नामक शो के माध्यम से कुछ सेलिब्रिटिज की उन पुरानी यादों को ताजा करने की बेहतरीन कोशिश कर रहा है. और यह शो कई मायने में सफल है. चूंकि यह जरूरी नहीं कि आपने जहां बचपन बिताया या फिर आप जिसे पुस्तैनी घर कहते हैं या फिर बाद में सफल होने के बाद आप जिस घर को अपना बना लेते हैं. सिर्फ वही कुछ कहता है. संघर्ष के दिनों में आपके बिताये गये हर पल जिन दीवारों पर गढ़े जाते हैं. वे दास्तां बनते हैं. मैंने भी रांची में लालपुर स्थित रत्ता लॉज में अपनी जिंदगी के 6 साल बिताये हैं. लेकिन वह मेरे लिए सिर्फ 6 साल नहीं. मेरी जिंदगी की पूंजी है. और यह मैं भी महसूस कर सकती हूं कि किस तरह वह हॉस्टल अपना न होकर भी मेरे दिल में कैद है. अमिताभ बच्चन आज शीर्ष पर हैं और इस दौरान वे कई बार कोलकाता आये गये. लेकिन इस बार उनके मन में कहीं से कोई आवाज आयी होगी, जिसने उन्हें उस अपार्टमेंट की खोज के लिए मजबूर किया होगा
No comments:
Post a Comment