गोविंदा जब डांस करते हैं, तो उनके साथ उनके प्रशंसक भी थिरकने लगते हैं. बॉलीवुड में वे हास्य किरदार निभाने में हमेशा शीर्ष कलाकारों में रहे. इस बार वे पहली बार नेगेटिव किरदार निभा रहे हैं.
यशराज फिल्मस के साथ आपकी यह पहली फिल्म है. क्या वजह रही कि इतने सालों में पहली बार फिल्म कर रहे.
नहीं, ऐसा नहीं है कि इससे पहले यशराज फिल्मस की फिल्में मुझे आॅफर नहीं हुई थीं. लेकिन उस वक्त इतनी ज्यादा फिल्में कर रहा था कि वक्त नहीं था. उस वक्त मैंने यश अंकल से कहा है कि मैं नहीं कर पाऊंगा अभी आपकी फिल्म. लेकिन कभी न कभी जरूर करूंगा.हालांकि फिर बाद में जब मेरी फिल्में फ्लॉप होने लगी थी तो मैं उनके पास गया था. तब वे चांदनी बना रहे थे. तो देखें तो एक संयोग नहीं बन पा रहा था साथ काम करने का. मैं जब यशराज स्टूडियो जाया करता था.तो वहां के वॉल पर सारे आर्टिस्ट की तसवीरें देखता था. तो सोचा करता था कि सारे आर्टिस्ट की तसवीर है. सिर्फ मेरी ही नहीं है. तो हमेशा से इच्छा थी कि उनके साथ काम करूं. अब ये बहुत साल बाद हो पाया. और अब जब साथ काम कर रहा हूं तो समझ में आता है कि क्या चीजें हैं जो यशराज बैनर को यशराज बनाती हैं. वहां जितना आर्टिस्ट को सम्मान देता है. उतना कोई नहीं देता है. बाकी जगहों पर सिर्फ हीरो हीरोइन का सम्मान होता है. लेकिन यशराज हर किसी को बराबर नजर से देखते हैं. पढ़े लिखे अच्छे लोग हैं.
गोविंदा अचानक आप काफी समय तक कैमरे से दूर रहे. फिर वापस आने का निर्णय कैसे लिया. क्या कैमरे, सेट इन चीजों को मिस करते थे?
हां, बिल्कुल मिस करता था. आप सोचें कि जो व्यक्ति 24-7 काम कर रहा. अचानक कैमरे से दूर हो जाता है तो वह मिस तो करेगा ही. लेकिन कुछ चीजें थी जिसकी वजह से मैं दूर था. पहले मेरी मां का कहा मानता था. अब अपनी पत् नी का कहा मानता हूं. पत् नी सुनिता के कहने पर ही दोबारा काम शुरू किया है. सुनिता का कहना है कि आप काम करेंगे तो बच्चों के लिए भी अच्छा रहेगा. लेकिन मुझे एक बात इन दिनों जो सालती है, लोग फिल्मों की मुझसे सिर्प चर्चा भर करते हैं और अखबारों में खबर आ जाती है कि मैं उसमें काम कर रहा. उसके पिता का रोल कर रहा. मुझे बुरा लगा था विकास को मैं बार बार कह रहा कि स्क्रिप्ट सुनाओ सुनाओ. वह कहता था हम संभाल लेंगे. आप बस हां कह दो. तो मैंने इनकार कर दिया. ऐसा नहीं था कि मुझे बाप का किरदार निभाने से प्रॉब्लम है. लेकिन स्क्रिप्ट तो सुनाओ. बिना सुनाये. खबरें फैला रहे. फिर मुझे चिढ़ होती है. अपना साफ फंडा है स्क्रिप्ट सुनाओ, फिर सोचूंगा.
आप अपने स्टारडम का सबसे अच्छा फेज किस दौर को मानते हैं? और किस बात की सबसे ज्यादा तसल्ली है.
मैं मानता हूं कि एक ऐसा व्यक्ति जो विरार से 9 घंटे पैदल चल कर आकर स्ट्रगल करता था और फिर मेहनत से वह मुकाम हासिल कर लेता है. मुझे याद है मेरा मोची कहता था मुझसे क्या तुम अपना जूता बार बार बनवाते हो. फेंको उसे. तो मैं कहता था कि पैसे नहीं हैं नये जूतों के लिए. वह लड़का बॉलीवुड में आकर जब जगह बनाता है तो उसके लिए हर पल स्टारडम से कम नहीं था. जहां तक बात है तसल्ली की तो मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अपने माता पिता की सेवा कर पाया. बहुत कम लोगों को यह सौभाग्य मिलता है. वरना, हम जिस मुफलिसी में जिये थे. ये सब सपने जैसा ही था. मैं जब स्टार बन गया था तो उस मोची को मैंने बहुत सारे पैसे दिये थे. खुशी से. चूंकि वह भी मेरे इस सफर में मेरा साथी ही था. वही जूते मरमम्त करता तो मैं आगे जाता था.
आप कॉमेडी फिल्में करते रहे हैं. ऐसे में जब गंभीर फिल्में करते हैं तो क्या तैयारियां करनी पड़ती है बतौर एक्टर?
सच्चाई आपको बताऊं तो मैंने कभी कोई ट्रेजेडी वाली फिल्म नहीं देखी है. मुझे रामलीला बहुत पसंद आयी. लेकिन अंत मैंने नहीं देखा. चूंकि वास्तविक जिंदगी में भी मैं हास्य करना और कॉमेडी देखना ही पसंद करता हूं. तो वैसे रोल करते वक्त मैं जब कैमरे के सामने होता हूं तो जैसा डायरेक्टर कहते हैं कर देता हूं. लेकिन मजे की बात यह है कि मैं अपनी ही वे सारे फिल्में नहीं देखता जो गंभीर हो. वैसे भी मुझे अपनी पूरी पूरी फिल्में देखना पसंद नहीं हैं. मैं पोर्शन में फिल्में देखना पसंद करता हूं.
नये कलाकारों में आपके पसंदीदा कलाकार?
रणवीर सिंह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. मुझे लगता है आगे बहुत अच्छा करेंगे वे.
यशराज फिल्मस के साथ आपकी यह पहली फिल्म है. क्या वजह रही कि इतने सालों में पहली बार फिल्म कर रहे.
नहीं, ऐसा नहीं है कि इससे पहले यशराज फिल्मस की फिल्में मुझे आॅफर नहीं हुई थीं. लेकिन उस वक्त इतनी ज्यादा फिल्में कर रहा था कि वक्त नहीं था. उस वक्त मैंने यश अंकल से कहा है कि मैं नहीं कर पाऊंगा अभी आपकी फिल्म. लेकिन कभी न कभी जरूर करूंगा.हालांकि फिर बाद में जब मेरी फिल्में फ्लॉप होने लगी थी तो मैं उनके पास गया था. तब वे चांदनी बना रहे थे. तो देखें तो एक संयोग नहीं बन पा रहा था साथ काम करने का. मैं जब यशराज स्टूडियो जाया करता था.तो वहां के वॉल पर सारे आर्टिस्ट की तसवीरें देखता था. तो सोचा करता था कि सारे आर्टिस्ट की तसवीर है. सिर्फ मेरी ही नहीं है. तो हमेशा से इच्छा थी कि उनके साथ काम करूं. अब ये बहुत साल बाद हो पाया. और अब जब साथ काम कर रहा हूं तो समझ में आता है कि क्या चीजें हैं जो यशराज बैनर को यशराज बनाती हैं. वहां जितना आर्टिस्ट को सम्मान देता है. उतना कोई नहीं देता है. बाकी जगहों पर सिर्फ हीरो हीरोइन का सम्मान होता है. लेकिन यशराज हर किसी को बराबर नजर से देखते हैं. पढ़े लिखे अच्छे लोग हैं.
गोविंदा अचानक आप काफी समय तक कैमरे से दूर रहे. फिर वापस आने का निर्णय कैसे लिया. क्या कैमरे, सेट इन चीजों को मिस करते थे?
हां, बिल्कुल मिस करता था. आप सोचें कि जो व्यक्ति 24-7 काम कर रहा. अचानक कैमरे से दूर हो जाता है तो वह मिस तो करेगा ही. लेकिन कुछ चीजें थी जिसकी वजह से मैं दूर था. पहले मेरी मां का कहा मानता था. अब अपनी पत् नी का कहा मानता हूं. पत् नी सुनिता के कहने पर ही दोबारा काम शुरू किया है. सुनिता का कहना है कि आप काम करेंगे तो बच्चों के लिए भी अच्छा रहेगा. लेकिन मुझे एक बात इन दिनों जो सालती है, लोग फिल्मों की मुझसे सिर्प चर्चा भर करते हैं और अखबारों में खबर आ जाती है कि मैं उसमें काम कर रहा. उसके पिता का रोल कर रहा. मुझे बुरा लगा था विकास को मैं बार बार कह रहा कि स्क्रिप्ट सुनाओ सुनाओ. वह कहता था हम संभाल लेंगे. आप बस हां कह दो. तो मैंने इनकार कर दिया. ऐसा नहीं था कि मुझे बाप का किरदार निभाने से प्रॉब्लम है. लेकिन स्क्रिप्ट तो सुनाओ. बिना सुनाये. खबरें फैला रहे. फिर मुझे चिढ़ होती है. अपना साफ फंडा है स्क्रिप्ट सुनाओ, फिर सोचूंगा.
आप अपने स्टारडम का सबसे अच्छा फेज किस दौर को मानते हैं? और किस बात की सबसे ज्यादा तसल्ली है.
मैं मानता हूं कि एक ऐसा व्यक्ति जो विरार से 9 घंटे पैदल चल कर आकर स्ट्रगल करता था और फिर मेहनत से वह मुकाम हासिल कर लेता है. मुझे याद है मेरा मोची कहता था मुझसे क्या तुम अपना जूता बार बार बनवाते हो. फेंको उसे. तो मैं कहता था कि पैसे नहीं हैं नये जूतों के लिए. वह लड़का बॉलीवुड में आकर जब जगह बनाता है तो उसके लिए हर पल स्टारडम से कम नहीं था. जहां तक बात है तसल्ली की तो मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अपने माता पिता की सेवा कर पाया. बहुत कम लोगों को यह सौभाग्य मिलता है. वरना, हम जिस मुफलिसी में जिये थे. ये सब सपने जैसा ही था. मैं जब स्टार बन गया था तो उस मोची को मैंने बहुत सारे पैसे दिये थे. खुशी से. चूंकि वह भी मेरे इस सफर में मेरा साथी ही था. वही जूते मरमम्त करता तो मैं आगे जाता था.
आप कॉमेडी फिल्में करते रहे हैं. ऐसे में जब गंभीर फिल्में करते हैं तो क्या तैयारियां करनी पड़ती है बतौर एक्टर?
सच्चाई आपको बताऊं तो मैंने कभी कोई ट्रेजेडी वाली फिल्म नहीं देखी है. मुझे रामलीला बहुत पसंद आयी. लेकिन अंत मैंने नहीं देखा. चूंकि वास्तविक जिंदगी में भी मैं हास्य करना और कॉमेडी देखना ही पसंद करता हूं. तो वैसे रोल करते वक्त मैं जब कैमरे के सामने होता हूं तो जैसा डायरेक्टर कहते हैं कर देता हूं. लेकिन मजे की बात यह है कि मैं अपनी ही वे सारे फिल्में नहीं देखता जो गंभीर हो. वैसे भी मुझे अपनी पूरी पूरी फिल्में देखना पसंद नहीं हैं. मैं पोर्शन में फिल्में देखना पसंद करता हूं.
नये कलाकारों में आपके पसंदीदा कलाकार?
रणवीर सिंह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. मुझे लगता है आगे बहुत अच्छा करेंगे वे.
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