20141216

राजू हिरानी की जरूरत


हिंदी सिनेमा के जीनियस निर्देशक राजकुमार हिरानी से हाल ही में मुलाकात हुई. उनसे बातचीत के लिए केवल 20 मिनट मिले. लेकिन उन 20 मिनटों में राजू हिरानी ने जो भी बातें की. पुख्ता कीं. यह बातचीत एक इंटरव्यू नहीं. एक अनुभव है. पिछले पांच सालों में राजू की तरह आत्मीय, जमीन से जुड़े व ज्ञानवर्धक बातें करने वाले व्यक्ति से बॉलीवुड में तो मुलाकात नहीं हुई थी. बतौर निर्देशक किस तरह उन्होंने गांधीवादी सोच को दोबारा लोगों में जगाया, क्यों 3 इडियट्स साल की सबसे कमाई करने वाली फिल्म बनी. क्यों जादू की झप्पी हर कष्ट, हर रोग का निवारण है. इन सारे सवालों का जवाब राजू हिरानी से बातचीत के बाद समझा जा सकता है. उनके हर शब्द आवश्यक शब्द थे और ज्ञानवर्धक थे. उन्होंने बताया कि इन दिनों उनकी टीम  शाम के 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक काम करती है. कई लोग उन्हें अव्यवस्थित कहते हैं. लेकिन हिरानी का मानना है कि अगर आप अपने काम को पसंद करते हैं, काम को एंजॉय करते हैं, तो आपको यह वक्त की बर्बादी नजर नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि कई लोग चाहते हैं कि मैं गाना गाऊंगा, स्टार बनूंगा...यह उनका पैशन होता है. लेकिन जरूरी यह है कि व्यक्ति उसको ओबशेशन बनाये. मसलन अगर वाकई स्टार बनना है तो हर दिन रियाज करें. राजू हिरानी कहते हैं कि उनके मन में डर अपनी हर फिल्म को लेकर. इसलिए वे सिर्फ काम पर ध्यान देते हैं. राजू टीम वर्क को अहमियत देते हैं और गौरतलब है कि वे विधु चोपड़ा, वीर चोपड़ा, व कुछ और साथी मिल कर एक टीम की तरह काम करते हैं. वाकई जहां बॉलीवुड के निर्देशक एक साल में दो फिल्में बनाने में विश्वास रखते हैं. वहां अब भी राजू हिरानी जैसे निर्देशक हैं, जो फिल्मों में जान फूंक रहे हैं. बेहद जरूरी है कि ऐसे निर्देशकों की फिल्में कामयाब होती रहें.सिनेमा को उनकी जरूरत है.

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