हाल ही में दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के १००० हफ्ते पूरे हुए हैं। और इस अवसर पर यशराज स्टूडियो में एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। फिल्म में राज और सिमरन का किरदार निभा चुके शाहरुख़ खान और काजोल वहां मौजूद थे और मीडिया से अपनी पुरानी यादों को साँझा कर रहे थे। इस दौरान शाहरुख़ ने अपने करियर की कई महत्वपूर्ण बातें भी साँझा की। जो शाहरुख़ से मिल चुके हैं। वे इस बात से वाकिफ होंगे कि शाहरुख़ भले ही इंटरव्यू कम देते हैं। लेकिन जब वह बातचीत करते हैं तो अपनी यादों की दुनिया से कई लम्हों से रूबरू कराते हैं और यही उनकी खूबी है। उस दिन भी उन्होंने बताया कि वह इस फिल्म से जुड़ने से पहले कभी इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि वह किसी रोमांटिक फिल्म का हिस्सा बन सकते हैं। लेकिन फिल्म करण अर्जुन फिल्म की शूटिंग के दौरान एक फैन ने आकर उनसे कहा था कि अब मार काट वाली नहीं किसी अच्छी फिल्म में काम करो। जिस वक़्त फैन उनसे बातें कर रही थी। वहां आदित्य चोपड़ा मौजूद थे और उसी वक़्त उन्होंने शाहरुख़ को यह फिल्म ऑफर की थी। इसी दौरान शाहरुख़ ने एक और बात साँझा की। आदित्य ने अपनी पहली फिल्म में किरदार का नाम राज इसलिए रखा था, क्योंकि वह राज कपूर के बहुत बड़े फैन हैं। फिल्म में शाहरुख़ जो वाद्य यंत्र बजा रहे हैं। उसे फिल्म में शामिल करने के भी यही कारण थे, क्योंकि वह राज कपूर साहब का पसंदीदा वाधय यंत्र है और उनकी अधिकतर फिल्मों में उसी यंत्र का इस्तेमाल संगीत के लिए किया गया है।( राज कपूर साहब की १४ दिसंबर को पुण्य तिथि थी) । वे आज होते तो ९० वां बसंत देख रहे होते। निस्संदेह वह कई रूपों में कई निर्देशकों की प्रेरणा रहे हैं।वह अपनी फिल्मों में संगीत को लेकर अलग सोच रखते थे। निश्चिततौर पर वर्तमान में कई निर्देशकों से वह स्वयं भी प्रभावित होते। राजू हिरानी उनमे से एक हैं। सिनेमा का तिलिस्म ऐसा ही है, जो न होकर भी जिन्दा हैं। जेहन में। यही सिनेमा है
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