20141203

फल्म देख कर आपको भूख लगना स्वाभाविक है : परिणीति


परिणीति चोपड़ा हाल में आयी नयी ब्रिगेड की अभिनेत्रियों में सर्वोच्च श्रेणी में हैं. उन्होंने अब तक जितनी भी फिल्में की हैं. सभी कामयाब हैं. वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही हैं. इस हफ्ते उनकी फिल्म दावतएइश्क रिलीज हो रही हैं. और इसे लेकर वह बहुत उत्साहित हैं. 

ेमनोरंजक फिल्म है दावतएइश्क
मैं यह बिल्कुल नहीं कहना चाहंूगी कि दावतएइश्क कोई मेसेज देने वाली फिल्म है. या समाज को बदलने वाली फिल्म है. यह स्वीट सी फिल्म है. जिसे देख कर आपके पूरे परिवार को बहुत मजा आयेगा. बस यही इसकी यूएसपी है. लोग कहते हैं कि आपके दिल तक बात पेट से होकर पहुंचती है. यह फिल्म वही दिखाने की कोशिश कर रही है कि किस तरह एक शेफ अपने इश्क का इजहार दावत के माध्यम से करता है. मैंने यह फिल्म इसलिए चुनी क्योंकि फिल्म में मेरा जो किरदार है, वह मेरी बाकी फिल्मों की तरह ही स्ट्रांग है. सिर्फ नाचने गाने वाला नहीं है.
हबीब के साथ दूसरी फिल्म
मैंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट 1 घंटे में पढ़ कर ही हां कर दी थी. चूंकि फिल्म का निर्देशन कोई और नहीं बल्कि मेरे गुरु हबीब फैजल कर रहे थे. हबीब सर ने मुझे यह स्क्रिप्ट इशकजादे के वक्त पर ही दे दी थी. उसी वक्त मुझे लगा कि अगर कोई निर्देशक आपको रिपीट कर रहा है, मतलब उसे आपके काम पर पूरा विश्वास है. इसलिए मैंने इस स्क्रिप्ट को हां भी कहा. दूसरी वजह यह भी थी कि मैं बहुत फूडी हूं और यह फूड फिल्म है. इस वजह से मुझे स्क्रिप्ट बेहद पसंद आयी. मैंने इस फिल्म के दौरान लखनऊ और हैदराबाद के खाने का जो लुत्फ उठाया है और अलग अंदाज में उठाया है. वह अब से पहले कभी नहीं उठाया था. लेकिन इस दौरान मैंने अपने वजन पर भी नियंत्रण रखना नहीं छोड़ा. इसी फिल्म के मैं, अनुपम सर और आदित्य ने जितनी पिकनिक और पार्टी की है. शायद ही किसी ने की होगी. सो, मजेदार और यादगार रहेगी मेरे लिए यह फिल्म
स्टार्स वाली फिल्मों से परहेज
मुझसे यह सवाल लगातार पूछे जाते हैं और मैं इन सवालों के जवाब देने में कोई परहेज नहीं करतीं कि हां, मुझे वैसी फिल्में नहीं करनी. जिसमें फिल्म अगर अच्छी कमाई करे तो सिर्फ क्रेडिट हीरो को मिले. भई मैंने भी मेहनत की है . फिल्म की सफलता में मेरा भी क्रेडिट है. आप देखें मैंने अब तक जितनी फिल्में की हैं. सभी में मेरा काम एक दूसरे से मेल नहीं खाता और मैं केंद्र में हूं. कहानी मेरे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है. मैं ऐसी ही बोल्ड और बिंदास लड़की वाले किरदार निभाना चाहती हूं. चूंकि मैं ऐसी ही हूं रियल लाइफ में भी.
अपना इनवेस्टमेंट खुद
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मैं बैंकर रह चुकी हूं और मुझे इकोनॉमिक के विषय में दिलचस्पी है. इसलिए अब भी मैं अपना निवेश खुद ही हैंडल करती हूं. मैं अपनी मां और पापा से यही कहती हूं कि मुझे ज्यादा जानकारी है और मैं अच्छी तरह निवेश कर सकती हूं. मुझे मार्केट की पूरी जानकारी है. सो, मैं सोच समझ कर निवेश कर रही हूं. आखिर मेरी मेहनत की कमाई है.
पुराने दोस्त अब भी वैसे ही
मेरी पढ़ाई लंदन में हुई है. तो ज्यादातर दोस्त वही के हैं. बीच बीच में वहां जाती रहती हूं. और उनके साथ मेरे टर्म वैसे ही हैं. वह मुझे हीरोइन जैसा ट्रीट नहीं करते. कोई फैन वहां मिल जाये और तसवीर लेने लगे तो वह साफ कहते हैं कि परी तुम बहुत टाइम वेस्ट करवाती हो. उनके लिए मेरी फिल्मी दुनिया कुछ नहीं है. इसलिए उनके साथ रहना अच्छा लगता है.
अकेली शहर में
मैं मुंबई में अकेली रहती हूं और मैं बहुत आत्मविश्वासी लड़की हूं. लेकिन कभी कभी मुझे मीडिया में आनेवाली बातें हर्ट कर जाती हैं. मैं हॉस्पीटल जा रही और किसी ने तसवीर ले ली कि परी कैसे रहती है. मुझे बुरा लगता है कि अरे हर वक्त परफेक्ट दिखना जरूरी है क्या. किसी के साथ खाने पर चले जाओ तो अफेयर की खबरें. मैं ऐसी बातों से दुखी तो होती हूं. लेकिन मां पापा का आशीर्वाद मिलता रहता है तो उससे मुझे बल मिलता है. मैं मुंबई शहर से बहुत प्यार करती हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह शहर मेहनत करनेवाले लोगों को मौके दे ही देता है. साथ ही एक बात और कहना चाहती हूं कि लोग यहां आकर सोचते हैं कि अरे हम स्मॉल टाउन से हैं. मुंबई में कैसे स्थापित हो पायेंगे. ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि आपको अपनी सोच बदलनी चाहिए. आप किसी से खुद को कम न सोचें. आप खुद को बेस्ट मानें तभी सफलता मिलेगी और लोग ापकी कद्र करेंगे.

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