ेसैफ अली खान की पिछली कुछ फिल्में लगातार बॉक्स आॅफिस पर विफल रही हैं. लेकिन इस बार हैप्पी एंडिंग से उन्हें बहुत उम्मीदें हैं. फिल्म के ट्रेलर और गीतों को बेहद पसंद भी किया जा रहा है. पेश है अनुप्रिया अनंत से हुई बातचीत के मुख्य अंश
हैप्पी एंडिंग रोम कोम है. क्या आप रोमांटिक-कॉमेडी वाली फिल्में करने में सहज महसूस करते हैं?
हां, कंफर्ट जोन है. वजह यह है कि ऐसे किरदार में मुझे दर्शकों ने पसंद किया है. लेकिन मेरी कोशिश है कि मैं अपनी हर फिल्म एक दूसरे से अलग करूं. फिर चाहे फिल्म सफल हो या नहीं. मुझे रिस्क लेना पसंद है. आप देखें मेरी फिल्में एजेंट विनोद, बुलेट राजा, गो गोवा गॉन किसी भी फिल्म में मैं एक से किरदार में नहीं हूं. शुरुआती दिनों में मैंने एक से कई किरदार निभाये हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि एक कलाकार को एक से किरदार बार बार निभाने चाहिए. आप मेरी फिल्में परिणीता देखें. मुझे हर तरह की फिल्में पसंद हैं. कम से कम मैं अपने किरदारों के साथ प्रयोग तो करता हूं.
हैप्पी एंडिंग से गोविंदा को जोड़ने की क्या वजहें रहीं और उन्हें कैसे तैयार किया इस प्रोजेक्ट के लिए?
फिल्म की कहानी की यह डिमांड थी. मुझे लगता है कि गोविंदा किंग आॅफ कॉमेडी हैं. उनकी तरह बॉलीवुड में कोई कॉमेडी नहीं कर सकता. फिल्म में वैसी ही कहानी है. वह कैमरे के सामने जितने सहज हैं. और जिस तरह सहजता से वे कॉमडी करते हैं. यही वजह थी कि हमें गोविंदा ही चाहिए थे. उन्हें जब मैंने कहानी सुनायी तो उन्होंने यही कहा कि वे इसी तरह की स्क्रिप्ट पर काम करने के लिए इन दोनों बेचैन हैं. तो बस बन गयी बात. मेरा अनुभव उनके साथ बहुत अच्छा रहा.
आपकी पिछली कुछ फिल्में बॉक्स आॅफिस पर असफल रही हैं. फिर आपने अपने दोस्त दिनेश से भी अपनी पार्टनरशीप खत्म की है. क्या आप मानते हैं कि असफलता कई पैमाने बदलती हैं?
हां, यह सही है कि मेरी पिछली कुछ फिल्में सफल नहीं हुई हैं और फिल्में असफल होने पर कई चीजें बदलती हैं. डायरेक्टर के साथ आपके इक्वेशन बदल जाते हैं. निर्माता के साथ बदल जाते हैं. आपको खुद में भी महसूस होता है कि आपने कहां कमियां छोड़ी थीं. कई चीजें एक साथ दिमाग में चलने लगती हैं. लेकिन हम जिस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं. वह हमें दूसरे मौके देती है और यही खुशनसीबी की बात है. तो थम कर बैठने से अच्छा है. आगे देखें. जहां तक बात है पार्टनरशीप की तो हमने यह तो तय नहीं किया था कि हम ताउम्र साथ काम करेंगे. हर व्यक्ति की अपनी क्रियेटिव सोच होती है और कोई भी एक दूसरे के अधीन होकर नहीं सोच सकता. सो, हर किसी को आजाद होने का हक है. बात बस इतनी सी है. वरना, दिनेश के साथ अब भी मेरे रिश्ते वैसे ही है और अच्छे ही रहेंगे.
हाल ही में आपने साजिद से पैच अप किया. तो क्या आपने यह महसूस किया कि फिल्म की असफलता का पूरा दोष सिर्फ निर्देशक पर नहीं मढ़ा जा सकता?
जी हां, बिल्कुल वह मेरी गलती थी कि मैंने साजिद के बारे में जो भी बातें कही. वह मेरे भाई की तरह हैं. मुझे करीना ने साजिद से बात करके सारी बातों को सुलझाने के लिए कहा. फिल्म की सफलता व असफलता के कारण आप प्रीडिक्ट नहीं कर सकते. चूंकि आप दर्शकों को प्रीडिक्ट नहीं कर सकते. कई बार अच्छी फिल्में फ्लॉप और बुरी फिल्में हिट हो जाती हैं. तो शायद यह सोचना मेरा गलत था कि निर्देशक का दोष होता है.
बतौर निर्माता आप किन बातों का ख्याल रखते हैं, जब किसी प्रोजेक्ट के निर्माण की योजना बनती है.
मेरे लिए अच्छी फिल्म बनाने का मतलब है. अच्छे लोगों के साथ काम करना. मेरा मानना है कि कुशल लोग होंगे. जो फिल्म को अपने घर की फिल्म की तरह देखें और काम करें. वही अच्छा काम कर सकते. वही ईमानदारी से काम कर सकते. मैं प्रोफेशनल चीजों को लेकर सख्त हूं. मुझे लगता है कि प्रोफेशन में पर्सनल चीजें इनवॉल्व नहीं होने चाहिए. यह नहीं कि वह मेरे परिवार के हैं और अच्छा काम नहीं भी कर रहा तो मैं जबरन उसे टीम में मिला लूंगा. मैं यह नहीं करता. एक निर्माता के रूप में आपको बड़े एक्सपैक्ट पर काम करना पड़ता है और मुझे लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं है.
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