20141203

खुशियों की तलाश

 इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म फाइंडिंग फैन्नी में हर किसी को अपनी ख़ुशी की तलाश है।  फिल्म  में भले ही फर्डी की फैन्नी की तलाश हो रही लेकिन हकीकत ये है कि हर कोई अपनी ख़ुशी की चाहत मे एक साथ निकलें हैं. ऋतिक रोशन को फिल्म  काफी पसंद   आई है\. उन्होंने फिल्म की सबसे जयदा तारीफ़ की है। इससे स्पष्ट होता है कि वे भले ही यह दिखाने की कोशिश करें कि वह बेहद खुश हैं।   सच्चाई है कि ऋतिक को भी उन्हीं खुशियों की तलाश है ।  सुजैन  इन दिनों पहले की तूलना में अधिक नजर आ रही हैं।   वह  न केवल अपने काम को अधिक लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रही  बल्कि वह अधिक खुश  संतुष्ट नजर आ रही हैं। शायद उन्हें अपनी फैन्नी मिल गई है। फिल्म में भले ही फैन्नी एक किरदार का नाम हो। लेकिन फैन्नी जिंद गी की ख़ुशी है। और हर शख्स इसी की तलाश   में है। शाहरुख़ को २०  घंटे काम करने में फन मिलता है।  बिपाशा जॉन को छोड़ कर  आगे बढ़ चुकी हैं  और वह खुश हैं।  राज कपूर को अपने इर्द गिर्द कॉमिक्स रखना पसंद था।  दीपिका पादुकोण लगातार सफलता हासिल  कर रही हैं।  वे लगातार मेहनत कर रही हैं।  अमिताभ को अपने  प्रशंसकों से बातें करने में ख़ुशी मिलती है। चूँकि वे खुशियों की तलाश यही कर रहे होते हैं।  खुशियां भी दो तरह की होती हैं। खासतौर से कलाकारों की दुनियां में उन्हें वास्तविक ख़ुशी और मुखौटे वाली खुशियों के बीच का रास्ता ढूंढ़ना पड़ता है।  आम लोगों के बीच मीडिया के बीच वे खुश न होकर भी खुश होने का दिखावा करते हैं।  कई बार कलकार खुश नहीं होते, स्वस्थ नहीं होते लेकिन उन्हें  लोकप्रियता के फन के लिए दिखावा वाली ख़ुशी दिखानी पड़ती है।  अक्षय कुमार के लिए ख़ुशी  स्टंट है।  जो हमारे लिए  डर  है उसमे किसी को आनद मिलता है। चूँकि हर किसी के लिए ख़ुशी की परिभाषा अलग होती है. किसी को लोकप्रियता में तो किसी को संतुष्टि में। 

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