आमतौर पर यह जुमला हम बार बार दोहराते हैं कि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है. लेकिन उन लोगों के बारे में खबरें अधिक नहीं आती, जहां एक महिला की कामयाबी का सेहरा पुरुष के सिर पर बांधा जाना चाहिए. खुद अभिनेत्री सायरा बानो मानती हैं कि उन्होंने फिल्मों से खुद को दूर करने का निर्णय दिलीप कुमार के कहने पर नहीं किया. बल्कि यह उनका निर्णय था. हकीकत यह है कि दिलीप कुमार ने ही सायरा बानो को फिल्म पूरब और पश्चिम में काम करने के लिए तैयार किया था. दिलीप कुमार सायरा की हर फिल्म के प्रीमियर पर जाते थे. चूंकि वे जानते थे कि सायरा कुशल अभिनेत्री हैं और जब उनका व्याह हुआ था. सायरा को सिर्फ तीन साल ही हुए थे अपने करियर की शुरुआत किये.सायरा पहले पूरब पश्चिम नहीं करने वाली थीं. लेकिन दिलीप साहब ने उन्हें काम करने के लिए प्रेरित किया.कुछ इसी तरह सोनाली स्वीकार करती हैं कि उनके पति गोल्डी बहल ने उन्हें धारावाहिक अजीब दास्तां है ये में काम करने के लिए प्रेरित किया. और वे हमेशा सोनाली बेंद्रे को काम करते रहने के लिए प्रेरित करते हैं. मैरी कॉम पर आधारित फिल्म देखने के बाद हम इस बात का अनुमान भलिभांति लगा सकते हैं कि आज मैरी जो कुछ भी हैं उसमें उनकी मेहनत और उनके पति ओनिल का महत्वपूर्ण योगदान रहा. दरअसल, हकीकत यह है कि जीवनसाथी की परिभाषा सिर्फ पति या सिर्फ पत् नी से पूरी नहीं होती. ऐसे भी कई पुरुष हैं, जो महिलाओं को खुद से ऊपर आंकते हैं और उनका साथ देते हैं. जीवनसाथी डॉट कॉम के विज्ञापन में भी एक ऐसे ही पुरुष को दर्शाया गया है. लेकिन चूंकि पुरुषों की छवि इस कदर बुरी नजर से देखी जाने लगी है कि वे पुरुष भी जो अपनी पत् िनयों को सम्मान देते हैं. उनकी चर्चा नहीं हो पाती. उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाता.
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