शाहरुख खान फिल्मी परदे पर रोमांटिक हीरो के रूप में लोकप्रिय हैं तो जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं. वे इस बात से वाकिफ हैं कि उन्हें वास्तविक जिंदगी में हंसना, हंसाना कितना पसंद है और वह कैसे अपने प्रेजेंस आॅफ माइंड के साथ सेंस आॅफ ह्मुमर का मिश्रण कर दर्शकों का दिल जीत लेते हैं. इस बार वे लंबे अरसे के बाद कॉमेडी और रोमांस के चाशनी में डूबी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस लेकर आये हैं. और दर्शक फिल्म को काफी पसंद भी कर रहे हैं. शाहरुख का मानना है कि अब भी उन्हें कई दर्शकों के दिलों में जगह बनाना बाकी है.
त्र किंग खान लंबे अंतराल के बाद चेन्नई एक्सप्रेस लेकर आये हैं, आप पहले एक साल में कम से कम 2 फिल्में किया करते थे. लेकिन कुछ सालों से आप साल में एक ही फिल्में कर रहे हैं. क्या यह सोच समझ कर लिया गया निर्णय है?
जी हां, बिल्कुल. मैं अब साल में एक ही फिल्में करता हूं. उसे ही अच्छे से कर लूं. यही बहुत है. चूंकि मैं एक फिल्म से जब जुड़ता हूं तो केवल अपना किरदार निभा लिया और हो गया. ऐसा नहीं करता. उसमें पूरी तरह इन्वॉल्व होता है. साथ ही मेरे और भी कई सारे काम है. इनवॉलमेंट है. और जरूरी यह नहीं कि मैं कितनी फिल्में कर रहा हूं. जरूरी यह है कि मैं किस तरह की फिल्में कर रहा हूं और मेरी आॅडियंस मुझसे खुश है भी की नहीं. बस. वही जरूरत है.
रोहित शेट्ठी अब तक अलग तरह की फिल्में कर रहे थे. फिर अचानक चेन्नई एक्सप्रेस ?
रोहित शेट्ठी मेरे पास अंगूर के रीमेक फिल्म का आॅफर लेकर आये थे. उस वक्त अंगूर की पूरी तरह स्क्रिप्ट तैयार नहीं थी. मैं अंगूर इसलिए बनाना चाहता हूं कि वह मेरी मां की पसंदीदा फिल्म है. लेकिन रोहित के पास पूरी स्क्रिप्ट तैयार नहीं थी. तो मैंने कहा कि तुम तीन चार महीने बाद आओ, फिर रोहित ने ही कहा कि मेरे पास एक और स्क्रिप्ट तैयार है. उसने मुझे दी. फिर मैंने स्क्रिप्ट अपनी टीम को सुनायी तो सभी सुन कर लोट पोट हो रहे थे. मुझे लगा कि इसमें कमाल की कॉमेडी है. तो मैंने हां, कह दिया. दूसरी बात है. मैंने जब स्क्रिप्ट सुनी तो मैं भी अलग मूड में था. लेकिन फिर भी यह स्क्रिप्ट सुन कर मैं भी हंसते हंसते लोट पोट हो गया. तमिल में फिल्म के संवाद थे. लेकिन फिर भी मजेदार थे. फिल्म में राहुल का किरदार है. और वह कहता है कि राहुल नाम तो जरूर नहीं सुना होगा आपने. इस तरह के पंच मुझे अच्छे लगे इस फिल्म के.
आप लगातार चेन्नई एक्सप्रेस के प्रोमोशन के दौरान कहते रहे हैं कि रोहित शेट्ठी की वर्ल्ड की फिल्म है चेन्नई एक्सप्रेस. तो आखिर रोहित शेट्ठी के वर्ल्ड की ऐसी कौन सी बातें हैं, िजसने आपको आकर्षित किया?
मेरे हिसाब है. एक अलग जॉनर है रोहित का. मैं उसे मैं कैब्रे या वेराइटी सिनेमा बोलता हूं.जिसके अंदर वह पूरी फैमिली के लिए फिल्म बनाता है. उसकी एक ही फिल्म कंप्लीट फिल्म है. बच्चों के लिए उसकी फिल्म में गाड़ियां उड़ती हैं. मांओं के लिए फिल्म में रिलेशनशीप होता है. गाने होते हैं जो यंग लोगों को पसंद आते हैं. एक् शन मास को पसंद आता है. और सबसे खास उसमें कॉमेडी होता है. और लोग कॉमेडी पसंद करते हैं. और सबसे खास बात इन सबको रखते हुए एक बड़ी फिल्म का निर्माण करता है. वेरी बिग स्केल फिल्म. हर डायरेक्टर के वश की यह बात नहीं. कुछ निर्देशक कोजी बनाते हैं. कुछ फोक्स्ड फिल्में बनाते हैं. थ्रीलर बनाते हैं. लेकिन रोहित सभी चीजों को ध्यान में रख कर फिल्म बनाते हैं और यही चीजें रोहित को बाकियों से अलग करता है.
फिल्म में दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के ट्रेन के दृश्य की तरह ही काफी दृश्य नजर आये.
आप कह सकते हैं कि दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे का अंत दरअसल, इस फिल्म की शुरुआत है. मुझे इस फिल्म की शुरुआत के दृश्य बेहद पसंद है, क्योंकि यह मुझे दिलवाले दुल्हनिया जो कि मेरी पसंदीदा फिल्म रही . उसकी याद दिलाते हैं. हालांकि यह बात स्पष्ट कर दूं कि दिलवाले से चेन्नई की कहानी का कोई लेना देना नहीं.
दीपिका आपके साथ दूसरी फिल्म कर रही हैं. आपके साथ ही उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई. और अब कामयाब हैं. आप क्या मानते हैं दीपिका अभिनय को लेकर कितनी परिपक्व हो गयी हैं?
मैं एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि दीपिका की ओम शांति ओम भले ही पहली फिल्म थी. लेकिन वह पहली फिल्म से ही काफी गंभीर अभिनेत्री थीं. उन्हें यह बात अच्छे तरीके से मालूम है कि उसे क्या करना है. वह कैमरा आॅन होने के बाद उसी दुनिया में खो जाती है. अब वह नर्वस नहीं होती. और माशाअल्लाह उसे जिस तरह से कामयाबी मिल रही है, मैं तो दुआ करूंगा और कामयाब हो. आपके साथ किसी ने शुरुआत की और और बेहतरीन काम करे.तरक्की करे तो अच्छा ही लगता है.
शाहरुख, आपके फैन्स का मानना है कि आप अपनी सेहत का खास ख्याल नहीं रखते?
दरअसल, मेरे फैन मेरी मां की तरह हैं. वे मेरा ख्याल बिल्कुल मां की तरह ही रखना चाहते हैं और करते हैं. लेकिन मैं उनसे यही कहना चाहूंगा कि मैं क्या करूं मैं तो 25 सालों से तीन चार घंटे ही सोता हूं. अगर मैंने काम करना बंद कर दिया तो ज्यादा बीमार पड़ जाऊंगा. सो, मेरे लिए काम करना जरूरी है वही मेरे लिए जीने की ऊर्जा है. साथ ही मेरे परिवार की मुस्कुराहट अपने बच्चों की मुस्कुराहट देख लेता हूं तो संतुष्ट हो जाता हूं और वही मेरे लिए एनर्जी ला देता है. मुझे फिर आराम करने की जरूरत नहीं होती.
चेन्नई एक्सप्रेस में एक ऐसी लव स्टोरी है, जिसमें लड़का लड़की अलग प्रांत से हैं. ऐसी लव स्टोरी की खास बात क्या होती है?
मुझे हमेशा वैसी लव स्टोरी जिसमें दो प्रांत के लोगों के बीच प्रेम होता है. वह मुझे बेहद सेक्सी लव स्टोरी लगती है. चूंकि आपको बहुत एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानने सीखने समझने का मौका मिलता है. आप अलग अलग प्रांत के हो. भाषा नहीं समझ रहे. लेकिन फिर भी प्यार है. कितना मजेदार होता है यह संयोग़. चेन्नई एक्सप्रेस में भी ऐसा ही है.
इस ईद में आपके लिए सबसे खास बात क्या रही?
यही कि अल्लाह ने ईदी में मुझे मेरा बेटा अबराम दिया. सो, हमने यह ईद खास तरीके से मनायी. हमेशा की तरह मैंने नमाज अदा की. अपनी पत् नी गौरी और बच्चे के साथ वक्त बिताया. गौरी जो लाजवाब बिरयानी बनाती है. वह हमने खाया. मेरा बेटा आर्यन आया था छुट्टियां बिताने. तो उनके साथ वक्त बिताया. फिल्में देखीं. मस्ती की . पर्व या त्योहार आते हैं तो यही मौके होते हैं कि आप अपने परिवार के साथ कितना वक्त गुजार पाते हैं. और मेरे लिए तो परिवार सबसे ज्यादा प्राथमिकता में है.
आप जितनी सफलता हासिल कर रहे हैं, विवादों का इमारत भी बढ़ता जा रहा है आपके साथ?
हां, यह तो स्वभाविक है. मैटर यह करता है कि मैं इस पर किस तरह रियेक्ट करता हूं.किस तरह नहीं.
आपकी आनेवाली फिल्में?
फिलहाल केवल हैप्पी न्यू ईयर कर रहा हूं. हैप्पी न्यू ईयर की कहानी हैप्पी न्यू ईयर पर आधारित है. फराह काफी दिनों से यह फिल्म बनाना चाहती थी मैं भी उसके साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करना चाहता था. वक्त नहीं मिल पा रहा था. लेकिन अब वक्त आ चुका है. तो हम जुड़ गये हैं साथ साथ.
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