20130903

हिंदी सिनेमा व नया दौर


 हाल ही में बीए पास नामक एक फिल्म आयी. और इस फिल्म ने दर्शकों से शानदार सराहना हासिल की. फिल्म को न तो प्रोमोट किया गया था और न ही फिल्म अधिक बजट की थी. बोल्ड विषय को लेकर बनाई गयी यह फिल्म लेकिन जबरदस्त सराहना बटोर रही है. स्पष्ट है कि हिंदी सिनेमा में अब नयी बयार निकल चुकी है. अब दर्शकों को लगातार अच्छी फिल्में मिल रही हैं और स्वतंत्र फिल्मकार लगातार अच्छी फिल्में बना रहे हैं. हाल के दौर में रिलीज हुई दो फिल्में बीए पास, शीप आॅफ थीशियस उन दो स्वतंत्र फिल्मों की फेहरिस्त में शामिल हैं. जिसने साबित कर दिया है कि अगर दर्शक चाहें तो अच्छी फिल्मों को खास पहचान दिला सकते हैं. इन दो फिल्मों को मुंबई में सबसे कम थियेटर मिले. लेकिन फिल्में लगातार हाउसफुल जा रही हैं. इन फिल्मों के टिकट की कीमत भी काफी रखी गयी है. लेकिन फिर भी दर्शक फिल्म देखने जा रहे हैं. स्पष्ट है कि दर्शकों में भी अच्छी फिल्में देखने की ललक है. भूख है. वे चाहते हैं कि अलग तरह की फिल्में बने और उन्हें देखने का मौका मिले. वे भी मसाला एंटरटेनर फिल्मों से बोर हो चुके हैं. हां, यह भी हकीकत है कि दर्शक अब भी सुपरसितारा वाली फिल्में देखना चाहते हैं और वह जाते रहेंगे. लेकिन  अब धीरे धीरे उन फिल्मों को भी पहचान मिलने लगी है. जो बिल्कुल  अंधेरे में रह जाती थी.यह हिंदी सिनेमा के लिए सकारात्मक शुरुआत है. पिछले कुछ महीनों में अच्छी फिल्मों ने बॉक्स आॅफिस पर धमाल मचाया है और बुरी फिल्मों को दर्शक नहीं मिले. यह साबित करता है कि दर्शकों को अब बेवकूफ बनाना मुश्किल है. अब वह समझदार हो गये हैं और अब उन्हें लगातार अगर अच्छी फिल्में मिली. तो वे अच्छी और स्तरीय फिल्मों के ही आदि हो जायेंगे. स्पष्ट है कि हिंदी सिनेमा का नया दौर शुरू हो चुका है.

No comments:

Post a Comment