20130903

तसवीरों के निर्देशक


हाल ही में वर्ल्ड फोटोग्राफर डे मनाया गया. इस मौके पर एक अखबार ने फिल्मी दुनिया के कुछ खास फोटोग्राफर के अनुभवों के अपने अखबार में साझा किया, जिसमें उन्होंने फिल्मी हस्तियों के लेकर अपने अच्छे और बुरे दोनों अनुभवों को साझा किया. अभी हाल ही में कट्रीना कैफ को इस बात पर बहुत गुस्सा आया था कि आखिर उनकी निजी तसवीरों को क्यों किसी अखबार या मैगजीन ने सार्वजनिक किया. स्पष्ट है कि फिल्मी कलाकारों की दुनिया में फोटोग्राफर की खास अहमियत है. चूंकि फिल्मी कलाकार तसवीरों को लेकर हमेशा सतर्क रहते हैं. सजग रहते हैं. चंूकि उनकी तसवीर ही बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह जाती है. कभी उन्हें वाहवाही मिलती है तो कभी बवाल मचता है. सो, हिंदी फिल्म जगत में फोटोग्राफर की भी महत्ता है. लेकिन जिन फोटोग्राफर ने अपने अनुभव साझा किये हैं. उनकी बातों से यह साफ नजर आ रहा है कि वर्तमान में कलाकार अब फोटोग्राफर को वह सम्मान नहीं देते जो पहले दिया करते थे. पहले जमाने में दिलीप कुमार साहब और देव आनंद साहब  फोटोग्राफर्स के साथ कार्ड खेला करते थे और उन्हें काफी इज्जत भी देते थे. आरटी चावला के फेसबुक पर देखें तो उन्होंने स्टार्स की जिंदगी के उन पलों को साझा किया है तसवीरों के माध्यम से , जिन्हें देखना अब संभव नहीं. यह दर्शाता है कि पहले कलाकार कितना दोस्ताना व्यवहार रखते थे. लेकिन अब वह दौर बदल चुका है. अगर किसी फोटोग्राफर ने स्टार्स के न चाहने पर एक भी तसवीर उतार ली तो वे बवाल मचा देते हैं. कम ही लोगों को यह जानकारी होगी कि शाहरुख खान ने चेन्नई एक्सप्रेस में एक संवाद कहा है कि इट्स गुड टू बी इम्पॉरटेंट टू बट्स इट्स मोर इमपॉरटेंट टू बी गुड़ यह बात उन्हें कभी फोटोग्राफर राज्याअध्यक्ष ने कही थी. स्पष्ट है कि अब वह दौर पूरी तरह खत्म हो चुका है.

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