20130903

इंडस्ट्री की गोद में बच्चे


 जल्द ही प्रभुदेवा की फिल्म रम्मैया वस्तवैया से गिरीश कुमार पहली बार बड़े परदे पर लांच हो रहे हैं. वे निर्माता कुमार एस तौरानी के बेटे हैं. इंडस्ट्री में अभी से कयास लगाये जा रहे हैं कि गिरीश कुमार बतौर एक्टर खास कमाल नहीं दिखा पायेंगे. लेकिन इसके बावजूद उन्हें एक बड़ी फिल्म मिली है. वासु भगनानी के बेटे जैकी भगनानी भी पिछले कई साल से अपने करियर को संवारने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वे भी नाकामयाब हैं. बावजूद इसके उनके पिता वासु उनकी फिल्मों पर निवेश कर रहे हैं. उन्होंने तो बेटे के लिए गंगम सांग के कॉपी राइट्स भी खरीद लिये थे. इतने महंगे सौदे के बावजूद वे नाकामयाब हैं. दरअसल, यह जरूरी नहीं कि आप अगर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से संबंध रखते हैं तो आपके बच्चों को भी अभिनेता ही बनना चाहिए. बहुत कम बच्चे इसमें कामयाब हो पाते हैं. लेकिन एक बार ग्लैमर का चस्का लगने के बाद बच्चे भी इस दुनिया से खुद को अलग नहीं कर पाते. जबकि हकीकत यह है कि अभिनेता या अभिनेत्री बनने के लिए सिर्फ माता पिता का नाम या कोई सरनेम काफी नहीं. आमिर खान के बेटे जुनैद चाहते हैं कि वे निर्देशन में आये और आमिर खान अपने बेटे की इस इच्छा का सम्मान भी करते हैं. सो, यह जरूरी नहीं कि सिर्फ एक्टिंग ही एकमात्र ऐसा रास्ता है, जहां आप पहचान बना सकते हैं. शेट्ठी के बेटे रोहित शेट्ठी ने अपनी पहचान निर्देशक के रूप में बना ली है. वे चाहते तो पिता की तरह अभिनय की दुनिया में आ सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. तमाम कोशिशों के बाद भी वाकई अगर कोई बच्चा कामयाब नहीं हो रहा तो बड़ों को यह बात समझानी चाहिए कि वह जिदद् न करें. ऐसे में वह अपने करियर के साथ ही खिलवाड़ करते हैं और फिर कहीं के नहीं रह जाते. यश चोपड़ा के बेटे उदय के साथ भी ऐसा ही हुआ था. 

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