शाहरुख खान के लिए उनका घर मन्नत उनकी इबादत है. उनका ईश्वर है. उन्होंने मन्नत के हर कोने कोने को बड़ी शिद्दत से सजाया है. तैयार किया है. हाल ही में फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के बातचीत के सिलसिले में मन्नत जाने का दोबारा मौका मिला. इस बार उन्होंने अपनी बातचीत का स्थान मन्नत में स्थित आॅफिस में रखा था. शाहरुख खान के आॅफिस के अपने कमरे में उन्होंने दीवारों पर अपनी पसंदीदा तसवीरें लगा रखी हैं. उनका आइपीएल प्रेम भी उनके उस कमरे को देख कर साफ झलकता है. लेकिन अगर सबसे खास बात जो ध्यान खींचती है. वह है उनकी अलमारी में हर धर्म के प्रतीकों का सम्मान दिया जााना. चूंकि खुद शाहरुख ने गौरी खान से शादी की थी और उन्होंने कभी गौरी को इस बात के लिए बाध्य नहीं किया कि वे अपने धर्म की पूजा छोड़ दें. उनके बच्चे गीता और कुरान दोनों ही पढ़ते हैं. वहां ईद भी है. दीवाली भी है. शाहरुख खुद मानते हैं कि उन्हें दो धर्मों के बीच पनपे प्यार और फिर शादी वाली स्थिति बहुत प्यारी लगती है. वजह यह है कि आपको दो धर्मों को समझने और उनकी बारीकियों को समझने का मौका मिलता है. उनकी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के नायक नायिका भी दो प्रांतों के हैं. फिल्म का एक गाना है. कश्मीर मैं तू कन्याकुमारी...इसमें स्पष्ट होता है कि हम अलग होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े हैं और एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. शाहरुख खान के मन्नत की दीवारों और कोनों में ऐसी कई चीजें हैं, जिसे देख कर आप इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि वहां ईश्वर भी बसते हैं और अल्लाह भी. सलमान खान ने भी अपने बिइंग ह्मुन स्टोर में हर धर्म की प्रतीकों की एक तसवीर लगायी है. स्पष्ट है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में भले ही आपसी रंजीश हो लोगों में. लेकिन राष्टÑीय एकीकरण का सबसे बेहतरीन उदाहरण यह फिल्म इंडस्ट्री ही है.
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20130903
शाहरुख का मन्नत
शाहरुख खान के लिए उनका घर मन्नत उनकी इबादत है. उनका ईश्वर है. उन्होंने मन्नत के हर कोने कोने को बड़ी शिद्दत से सजाया है. तैयार किया है. हाल ही में फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के बातचीत के सिलसिले में मन्नत जाने का दोबारा मौका मिला. इस बार उन्होंने अपनी बातचीत का स्थान मन्नत में स्थित आॅफिस में रखा था. शाहरुख खान के आॅफिस के अपने कमरे में उन्होंने दीवारों पर अपनी पसंदीदा तसवीरें लगा रखी हैं. उनका आइपीएल प्रेम भी उनके उस कमरे को देख कर साफ झलकता है. लेकिन अगर सबसे खास बात जो ध्यान खींचती है. वह है उनकी अलमारी में हर धर्म के प्रतीकों का सम्मान दिया जााना. चूंकि खुद शाहरुख ने गौरी खान से शादी की थी और उन्होंने कभी गौरी को इस बात के लिए बाध्य नहीं किया कि वे अपने धर्म की पूजा छोड़ दें. उनके बच्चे गीता और कुरान दोनों ही पढ़ते हैं. वहां ईद भी है. दीवाली भी है. शाहरुख खुद मानते हैं कि उन्हें दो धर्मों के बीच पनपे प्यार और फिर शादी वाली स्थिति बहुत प्यारी लगती है. वजह यह है कि आपको दो धर्मों को समझने और उनकी बारीकियों को समझने का मौका मिलता है. उनकी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के नायक नायिका भी दो प्रांतों के हैं. फिल्म का एक गाना है. कश्मीर मैं तू कन्याकुमारी...इसमें स्पष्ट होता है कि हम अलग होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े हैं और एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. शाहरुख खान के मन्नत की दीवारों और कोनों में ऐसी कई चीजें हैं, जिसे देख कर आप इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि वहां ईश्वर भी बसते हैं और अल्लाह भी. सलमान खान ने भी अपने बिइंग ह्मुन स्टोर में हर धर्म की प्रतीकों की एक तसवीर लगायी है. स्पष्ट है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में भले ही आपसी रंजीश हो लोगों में. लेकिन राष्टÑीय एकीकरण का सबसे बेहतरीन उदाहरण यह फिल्म इंडस्ट्री ही है.
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