वीडियो वितरण क्षेत्र की नामी कंपनी पेन के प्रमुख जयंतिलाल गडा अब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं. हाल ही में उनकी फिल्म इसक रिलीज हुई. उनके प्रोडक् शन की फिल्म कहानी टिकट खिड़की पर भी खूब सफल रही. अपनी अनोखी कहानी व विद्या बालन के सटीक अभिनय की वजह से कहानी कई अवार्ड जीतने में भी कामयाब रही. अब जयंतीलाल शोले का 3 डी वर्जन प्रस्तुत करने जा रहे हैं. पेश है बातचीत के मुख्य अंश
जयंतीलाल फिल्मों के हमेशा से शौकीन रहे. इसलिए वे फिल्म व्यवसाय में आये.
आप तो वीडियो वितरण के क्षेत्र में थे. तो फिर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरने के बारे में कैसे सोच लिया?
हमारी कंपनी पेन के पास चार हजार से अधिक फिल्मों के वीडियो, सैटेलाइट व अन्य के अधिकार हैं. इनमें ढेरो ऐसी फिल्में हैं जो सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाने में कामयाब रही हैं. यह भी सच है कि तकनीकी क्षेत्र में आये कई बदलाव के चलते वीडियो के बाजार में वह तेज गति से नहीं हो रही जो पहले थी. आज वीडियो का क्रेज कम हो गया है. बदलते वक्त के साथ हम भी बिजनेस में बदलाव लाना चाहते थे. मेरे बच्चे अब बड़े हो चुके हैं और हम अपना बिजनेस आगे बढ़ाने के लिए इस इंडस्ट्री में आये.क्योंकि मैं खुद इस क्षेत्र से काफी दिनों से जुड़ा हूं तो मुझे लगा कि मैं इसमें अच्छा कर पाऊंगा.
आप चाहते तो हीरो प्रधान मसाला फिल्मों के तहत फिल्म निर्माण में अपनी शुरु आत कर सकते थे. लेकिन आपने कहानी से शुरुआत की, िजसमें महिला प्रधान थीं.
पहली बात तो यह कि कहानी के निर्माण में हमने कई चैलेंजेज को फेस किया है. आदित्य चोपड़ा समेत कुछ बड़े निर्माताओं ने इसे रिजेक्ट कर दिया था. जब सुजॉय ने हमें इसकी स्क्रिप्ट सुनाई तो हमें इसका सस्पेंस अपील कर गया था. हालांकि इस फिल्म का बजट भी ज्यादा नहीं था. सुजोय ने हमें बताया कि फिल्म में कोलकाता शहर को भी कहानी में एक महत्वपूर्ण हिस्से के तौर पर दर्शाया जायेगा. फिल्म तनु वेड्स मनु को हमारी कंपनी द्वारा प्रस्तु किया गया था. इसमें लखनऊ का फ्लेवर रखा गया था. अब कोलकाता की बारी थी. फिल्म की स्क्रिप्ट व बजट के हिसाब से हमें यह प्रोजेक्ट सही लगा और कहानी के साथ हम फिल्म निर्माण में उतर गये. निर्माता के तौर पर मेरे भतीजे कुशल गडा का नाम इसमें दिया गया था.
कहानी के बाद आपने बतौर निर्माता इसक बनायी. लेकिन फिल्म सफल नहीं हो पायी. ापने प्रतीक, मनीष, अमायरा सभी लगभग एक दो फिल्में पुराने लोगों को फिल्म में शामिल किया.ऐसा नहीं लग रहा कि इसक के साथ रिस्क ले लिया.
मानता हूं कि फिल्म नहीं चली. लेकिन हमने मनीष को फिल्म दी क्योंकि वह जुनूनी निर्देशक नजर आये. उसमें एक अच्छी फिल्म बनाने की ललक नजर आयी. प्रतीक के साथ भी हमें ऐसा ही लगा कि वह एक सोलो किरदार निभा कर कुछ कमाल कर सकता है. इसलिए लिया. कहानी बनाने वाले सुजोय की फिल्में भी फ्लॉप रही थीं. लेकिन कहानी ने तो कमाल किया तो आप प्रीडिक्ट नहीं कर सकते कि किसकी फिल्म कब हिट हो जाये. कम फ्लॉप हो जाये.
अब जब आपकी कंपनी बड़े स्टार्स को लेकर फिल्म बनाने में समर्थ है, तो आप बिग बजट फिल्म क्यों नहीं बना रहे?
माना कि मुझे फिल्म के क्षेत्र में 25 सालों का अनुभव है. पर मेरे बेटे, भतीजे अभी नये हैं. मैं चाहता हूं कि कम बजट की फिल्में बना कर पहले वह बारीकियां सीखें. सितारों से अच्छे संबंध स्थापित कर लें. फिर वे बड़ी फिल्में बनाने के लिए आगे आये. मेरे खयाल से पांच साल बाद हम बिग बजट की फिल्में बनाना शुरू कर देंगे.
अपने जमाने की बिग बजट की फिल्म शोले को आप 3 डी में तब्दील कर रहे हैं?
हां, शोले के सेटेलाइट्स राइट्स हमारेी कंपनी के पास हैं. रिलीज के बावजूद आज भी इस फिल्म के प्रसारण होने पर अच्छी टीआरपी मिलती रही है और इससे पता चलता है कि आज भी दर्शकों को यह फिल्म कितनी पसंद है. लोगों में क्रेज है. तो मुझे लगता है कि हमें इसका 3 डी वर्जन बनाना चाहिए. दर्शक इसे जरूर पसंद करेंगे. पिछले तीन साल से इसका 3 डी वर्जन तैयार किया जा रहा है और अब यह रिलीज के लिए तैयार हैं. हमने 25 करोड़ खर्च किया है.
शोले के बाद कई और फिल्में?
निर्देशक नागेश कुकनुर के साथ हम लक्ष्मी बना रहे हैं. इसक जहां बनारस की पृष्ठभूमि पर है. लक्ष्मी हैदराबाद की पृष्ठभूमि पर है. एनिमेशन में महाभारत बना रहे हैं. यह अब तक की सबसे महंगी फिल्म होगी एनिमेशन में. लगभग 50 करोड़ खर्च हो रहा है. मेरा मानना है कि लोग मेरी फिल्मों को खूब पसंद करेंगे.
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