20130930

साथ का एक रूप ऐसा भी


राकेश रोशन किसी दौर में किराये के घर में रहे थे. उनके पास चूंकि किराये का मकान देने के लिए भी पैसे नहीं थे तो उन्हें उस किराये के मकान से भी निकाल दिया गया था. उस वक्त राकेश रोशन ने तय किया था कि अपनी पहचान खुद बनायेंगे. उन्होंने अपनी पत् नी और ऋतिक-सुनैना को उनके नाना के घर भेज दिया था, लेकिन वे खुद वहां नहीं गये. वे अपने भाई राजेश रोशन के घर गये. इसके बाद उन्होंने अपनी जर्नी शुरू की. और फिर एक मुकाम हासिल किया. इस पूरे क्रम में राकेश को उनकी पत् नी का साथ हमेशा मिला. खुद ऋतिक मानते हैं कि उनके पिता का साथ उनकी मां ने नहीं दिया होता तो शायद आज वे सभी इतने कामयाब नहीं होते. चूंकि उन्होंने बुरे दौर में भी पापा का साथ नहीं छोड़ा था. राखी आज गुलजार के साथ नहीं रहतीं,दोनों में तलाक नहीं हुआ. लेकिन फिर भी दोनों अलग रहते हैं. लेकिन अलग रहते हुए भी दोनों आज भी साथ हैं. आज भी दोनों घंटों फोन पर बातें करते हैं और अपनी जिंदगी की महत्वपूर्ण बातें शेयर करते हैं. अमिताभ बच्चन आज भी किसी हिंदी भाषा को छोड़ कर किसी अन्य भाषा की फिल्म को साइन करने से पहले जया बच्चन से जरूर पूछते हैं. चूंकि अमिताभ जानते हैं कि जया उनसे ज्यादा बुद्धिमान हैं और उन्होंने उनसे ज्यादा फिल्में देख रखी हैं तो उन्हें फिल्मों की काफी समझ है. दरअसल, हिंदी सिने जगत में जहां टूटते रिश्तों की भी कई दास्तां लिखी गयी है. आज भी ऐसे कई उदाहरण हैं, जो तमाम बातों के बावजूद. तमाम मतभेदों के बावजूद सफल वैवाहिक जीवन जी रहे हैं. जैकी श्राफ कभी भी चॉल से बांद्रा के बड़े से फ्लैट में शिफ्ट नहीं होते. अगर उनकी पत् नी आयशा ने उनसे जिद्द न की होती तो. हिंदी सिनेमा में कई हस्तियां हैं जो अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी पत् नी को देते हैं. और उनका पूरा सम्मान भी करते हैं.

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