हाल ही में एक अभिनेत्री से मुलाकात हुई. उनके घर पर. अभिनेत्रियों या अभिनेता से अगर उनके घर पर मुलाकात की जाये, तो एक अलग सा माहौल होता है. चूंकि इन दिनों तो अधिकतर इंटरव्यू होटल या दफ्तरों में ही आयोजित किये जाते हैं. लेकिन स्टार्स जब घर पर बुला कर बातचीत करे तो अलग माहौल होता है. आप उनके साथ साथ उनके घर के रख रखाव को देख कर भी कई बातों का अनुमान लगा सकते हैं. स्टार्स अपने घर पर बहुत कैजुअल तरीके से होते हैं. सो, आपकी भी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि फिल्मों के अलावा उनसे और भी बातें हों. लेकिन वर्तमान दौर में खासतौर से हिंदी फिल्म पत्रकारों के लिए यह एक मेहनत का काम है. चूंकि हिंदी सिने जगत में हिंदी फिल्म के पत्रकारों को वह अहमियत नहीं मिलती जो अंगरेजी फिल्म के पत्रकारों को मिलती है. आप किसी अभिनेत्री से मान लीजिए अपनी दो दिनों के बाद रिलीज होनेवाली फिल्म के अलावा उनके अगले महीने रिलीज होनेवाली फिल्म के बारे में पूछ दें. मजाल हैं कि वह हिंदी पत्रकारों को कुछ जानकारी दे दें. जानकर आश्चर्य होगा कि कई अभिनेता अभिनेत्रियों ने अपने ऊपर लिखी गयी वे किताबें जिसकी भाषा हिंदी है. उसे वे कभी पढ़ते भी नहीं. चूंकि वे हिंदी को अपनी भाषा समझ ही नहीं पाते. यह बात खुद हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्म क्रिटिक ने जाहिर की. फिल्में बनती हिंदी में हैं. हिंदी के ही दर्शक हैं. लेकिन भाषा को तवज्जो नहीं मिलती. क्यों? क्या अभिनेता व अभिनेत्रियों के जेहन में यह बात है कि ंिहंदी पत्रकार जानकार नहीं होते. या अंगरेजी इंटलैक्चुअल भाषा है. इसलिए. वर्तमान में अंगरेजी के लगभग हर पत्रकार फिल्मी खबरें या इंटरव्यूज पेड प्रकाशित करते हैं. जबकि हिंदी में उन्हें विस्तार व विस्तृत जगह दी जाती है. पर फिर भी उनके साथ सौतेला व्यवहार होता है.
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20130903
हिंदी पत्रकार व हिंदी सिनेमा
हाल ही में एक अभिनेत्री से मुलाकात हुई. उनके घर पर. अभिनेत्रियों या अभिनेता से अगर उनके घर पर मुलाकात की जाये, तो एक अलग सा माहौल होता है. चूंकि इन दिनों तो अधिकतर इंटरव्यू होटल या दफ्तरों में ही आयोजित किये जाते हैं. लेकिन स्टार्स जब घर पर बुला कर बातचीत करे तो अलग माहौल होता है. आप उनके साथ साथ उनके घर के रख रखाव को देख कर भी कई बातों का अनुमान लगा सकते हैं. स्टार्स अपने घर पर बहुत कैजुअल तरीके से होते हैं. सो, आपकी भी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि फिल्मों के अलावा उनसे और भी बातें हों. लेकिन वर्तमान दौर में खासतौर से हिंदी फिल्म पत्रकारों के लिए यह एक मेहनत का काम है. चूंकि हिंदी सिने जगत में हिंदी फिल्म के पत्रकारों को वह अहमियत नहीं मिलती जो अंगरेजी फिल्म के पत्रकारों को मिलती है. आप किसी अभिनेत्री से मान लीजिए अपनी दो दिनों के बाद रिलीज होनेवाली फिल्म के अलावा उनके अगले महीने रिलीज होनेवाली फिल्म के बारे में पूछ दें. मजाल हैं कि वह हिंदी पत्रकारों को कुछ जानकारी दे दें. जानकर आश्चर्य होगा कि कई अभिनेता अभिनेत्रियों ने अपने ऊपर लिखी गयी वे किताबें जिसकी भाषा हिंदी है. उसे वे कभी पढ़ते भी नहीं. चूंकि वे हिंदी को अपनी भाषा समझ ही नहीं पाते. यह बात खुद हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्म क्रिटिक ने जाहिर की. फिल्में बनती हिंदी में हैं. हिंदी के ही दर्शक हैं. लेकिन भाषा को तवज्जो नहीं मिलती. क्यों? क्या अभिनेता व अभिनेत्रियों के जेहन में यह बात है कि ंिहंदी पत्रकार जानकार नहीं होते. या अंगरेजी इंटलैक्चुअल भाषा है. इसलिए. वर्तमान में अंगरेजी के लगभग हर पत्रकार फिल्मी खबरें या इंटरव्यूज पेड प्रकाशित करते हैं. जबकि हिंदी में उन्हें विस्तार व विस्तृत जगह दी जाती है. पर फिर भी उनके साथ सौतेला व्यवहार होता है.
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