20130930

अभिनय किसी पढ.ाई से कम नहीं : निमरत कौर

कैडबरी के विज्ञापन में गुडी-गुडी नजर आनेवाली निमरत कौर पहली बार लीड रोल निभाया है. जिन्होंने भी फिल्म ‘लंचबॉक्स’ देखी है, वह उनका मुरीद हो गया है. बॉलीवुड में अपनी शुरुआत के बारे में निमरत ने अनुप्रिया अनंत से बातचीत की.
कैडबरी के विज्ञापन में गुडी-गुडी नजर आनेवाली निमरत कौर पहली बार लीड रोल निभाया है. जिन्होंने भी फिल्म ‘लंचबॉक्स’ देखी है, वह उनका मुरीद हो गया है. बॉलीवुड में अपनी शुरुआत के बारे में निमरत ने अनुप्रिया अनंत से बातचीत की.
     फिल्मी बैकग्राउंड नहीं रहा

मैं किसी फैमिली बैकग्राउंड से नहीं हूं. मेरे पिताजी आर्मी में थे. ऐसे में मुझे भारत के कई इलाकों में घूम-घूम कर पढ.ने का मौका मिला है. मेरे परिवारवालों ने हमेशा मुझे फिल्मों में आने के लिए सपोर्ट किया. बस उनकी शर्त थी कि मैं पढ.ाई पूरी कर लूं. मैं अरुणाचल प्रदेश, पटियाला, पुणे, कश्मीर सभी जगह रही हूं. मुझे पटियाला बेहद पसंद है. पापा 1994 में हुए टेररिज्म वार में शहीद हुए थे. वह वक्त काफी बुरा था.इसके बाद हम नोएडा चले गये. फिर मैंने वहां पढ.ाई पूरी की. बीकॉम करने के बाद मुंबई आ गयी. 

अभिनय में आना ही था

अभिनय और मॉडलिंग मुझे हमेशा से बेहद पसंद था. मैंने स्टेज से शुरुआत की. मैं मुंबई इसके लिए ही आयी. विद्या बालन को यूफोरिया के एलबम में देखा करती थी. उस वक्त से ही इसमें दिलचस्पी हो गयी थी. मुझे लगा कि वीडियो एलबम से ही शुरुआत करती हूं. मैंने फोटोशूट करवाया. मुझे अभिनय करना था लेकिन फिल्म की वोकेबलरी तक नहीं पता थी. मुझे पहला ब्रेक ‘तेरा मेरा प्यार वाला’ एलबम से मिला.
थियेटर से जुड.ना

मुझे लगा कि अभिनय को समझने के लिए थियेटर से जुड.ना ही होगा, तो मैं उससे जुड. गयी.थियेटर किया. फिर पैसे कमाने के लिए मैं विज्ञापन से भी जुड.ी. मैं चाहती थी कि ग्लैमर की दुनिया में जाने से पहले मैं उसे बारीकी से समझूं. मेरा मानना है कि हर अभिनेता में कुछ न कुछ ऐसी बात होती है, जो उसे सबसे अलग करती है. कुछ एक बात जो सिर्फ वह जानते हैं और कोई नहीं और मुझे वही चीजें, वही बारीकी जाननी और सीखनी थी. मैंने छह सालों में 7-8 प्ले किये.

लंचबॉक्स से बड.ा ब्रेक

मैं किसी बडे. ब्रेक के लिए इंतजार नहीं कर रही थी. मैं प्रोसेस का हिस्सा बनना चाहती थी. मैं बनी भी. मुझे ‘लंचबॉक्स’ से पहले ‘पेडलर’ में काम करने का मौका मिला. वही से ‘लंचबॉक्स’ का रास्ता मिला. मुझे जब रितेश ने फिल्म की कहानी सुनाई, तो मैं खुशी से कूदने लगी थी. कुछ दिनों के बाद रितेश बिल्कुल शांत हो गये तो फिर मुझे लगा कि कहीं मैं बाहर तो नहीं हो गयी.मैंने रितेश से पूछा कि क्या मैं फिल्म में हूं?रितेश ने कहा हां. फिल्म प्यारी सी लव स्टोरी है. लोगों को जरूर पसंद आयेगी. ऐसी लव स्टोरी बहुत कम बनती है. मैंने जैसा किरदार निभाया है, वह कठिन था. लेकिन दिलचस्प था. मुझे ग्लैर्मस रोल नहीं चाहिए.

No comments:

Post a Comment