बॉलीवुड में इन दिनों अगस्त महीने की काफी चर्चा है. वजह यह है कि इस महीने हिंदी सिनेमा के कई सुपरस्टार की फिल्में रिलीज हो रही हैं. इन फिल्मों में चेन्नई एक्सप्रेस, सत्याग्रह, वन्स अपन अ टाइम इन मुंबई दोबारा जैसी फिल्में प्रमुख हैं. हिंदी सिनेमा में यह दौर काफी सालों के बाद आया है. जब फिर से एक साथ कई सुपरस्टार एक दूसरे से टकरा रहे हैं. अजय देवगन, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और अक्षय कुमार. हिंदी सिनेमा में यह तुलना बेहद आम हो चुकी है. हर सुपरस्टार की तुलना एक दूसरे से होती ही है. ऐसे में वाकई जब दर्शक एक महीने में लगातार हर स्टार की फिल्में देखेंगे तो शायद वह भी यह जज कर पायें कि बेस्ट कौन है. हालांकि सभी सुपरस्टार की अपनी खासियत और अपनी कमियां होती हैं. अपनी सीमाएं होती हैं. ऐसे में एक दूसरे से तुलना करना हालांकि स्वभाविक नहीं. लेकिन यह परंपरा बन चुकी है. सो, निश्चित तौर पर वह तुलना होगी ही. अमिताभ बच्चन सत्याग्रह में गंभीर भूमिका में हंै. चेन्नई एक्सप्रेस में शाहरुख एक आम आदमी की भूमिका में हैं जो चेन्नई एक्सप्रेस की लड़की को दिल दे बैठता है. अजय देवगन भी गंभीर भूमिका में हैं.जबकि अक्षय कुमार एक अंडरवर्ल्ड डॉन की भूमिका निभा रहे हैं. चारों ही सुपरस्टार के किरदार अलग हैं. चारों अलग अलग जॉनर की फिल्में कर रहे हैं. ऐसे में वाकई यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कौन बाजी मार ले जाता है. पुराने जमाने में राजकपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार की फिल्में एक साथ रिलीज होती तो कुछ ऐसी ही तुलना का माहौल बनता था. लेकिन दर्शकों के लिए यह काफी खास महीना है. उन्हें कई तरह की फिल्में देखने का मौका मिलेगा. अब देखना यह है कि कामयाबी किसे हासिल होती हैं. दर्शकों को ईद के साथ ईदी मिल रही है. एक साथ इतनी सारी स्टार्स की फिल्में
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20130903
सुपरस्टार्स का महीना
बॉलीवुड में इन दिनों अगस्त महीने की काफी चर्चा है. वजह यह है कि इस महीने हिंदी सिनेमा के कई सुपरस्टार की फिल्में रिलीज हो रही हैं. इन फिल्मों में चेन्नई एक्सप्रेस, सत्याग्रह, वन्स अपन अ टाइम इन मुंबई दोबारा जैसी फिल्में प्रमुख हैं. हिंदी सिनेमा में यह दौर काफी सालों के बाद आया है. जब फिर से एक साथ कई सुपरस्टार एक दूसरे से टकरा रहे हैं. अजय देवगन, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और अक्षय कुमार. हिंदी सिनेमा में यह तुलना बेहद आम हो चुकी है. हर सुपरस्टार की तुलना एक दूसरे से होती ही है. ऐसे में वाकई जब दर्शक एक महीने में लगातार हर स्टार की फिल्में देखेंगे तो शायद वह भी यह जज कर पायें कि बेस्ट कौन है. हालांकि सभी सुपरस्टार की अपनी खासियत और अपनी कमियां होती हैं. अपनी सीमाएं होती हैं. ऐसे में एक दूसरे से तुलना करना हालांकि स्वभाविक नहीं. लेकिन यह परंपरा बन चुकी है. सो, निश्चित तौर पर वह तुलना होगी ही. अमिताभ बच्चन सत्याग्रह में गंभीर भूमिका में हंै. चेन्नई एक्सप्रेस में शाहरुख एक आम आदमी की भूमिका में हैं जो चेन्नई एक्सप्रेस की लड़की को दिल दे बैठता है. अजय देवगन भी गंभीर भूमिका में हैं.जबकि अक्षय कुमार एक अंडरवर्ल्ड डॉन की भूमिका निभा रहे हैं. चारों ही सुपरस्टार के किरदार अलग हैं. चारों अलग अलग जॉनर की फिल्में कर रहे हैं. ऐसे में वाकई यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कौन बाजी मार ले जाता है. पुराने जमाने में राजकपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार की फिल्में एक साथ रिलीज होती तो कुछ ऐसी ही तुलना का माहौल बनता था. लेकिन दर्शकों के लिए यह काफी खास महीना है. उन्हें कई तरह की फिल्में देखने का मौका मिलेगा. अब देखना यह है कि कामयाबी किसे हासिल होती हैं. दर्शकों को ईद के साथ ईदी मिल रही है. एक साथ इतनी सारी स्टार्स की फिल्में
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