20130903

पर्सनल -प्रोफेशनल रिश्ते


 सैफ अली खान की फिल्म बुलेट राजा उनकी पत् नी करीना कपूर की फिल्म सत्याग्रह के आस-पास रिलीज होने वाली थी. लेकिन प्रकाश झा ने रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी. ताकि दोनों में कोई विवाद न हो. बॉक्स आॅफिस पर दोनों की फिल्में एक दूसरे से न टकराये. शाहिद कपूर की फिल्म और करीना कपूर की फिल्म नवंबर में एक ही तारीख पर रिलीज हो रही थी. उसकी रिलीज तारीख भी बढ़ा दी गयी. ताकि शाहिद और करीना के बारे में गड़े मुर्दे फिर से न उखाड़ा जाये. यूटीवी मोशन पिक्चर्स के सीइओ सिद्धार्थ रॉय कपूर हैं और विद्या बालन की फिल्म घनचक्कर इसी प्रोडक् शन हाउस की फिल्म है. इसलिए माना जा रहा है कि फिल्म के प्रोमोशन पर खास ध्यान दिया गया. वन्स अपन अ टाइम इन मुंबई  दोबारा और चेन्नई एक्सप्रेस में भी रिलीज तारीख को लेकर खूब ठनी रही. बाद में शाहरुख खान ने जीतेंद्र से सिफारिश करके फिल्म की तारीख आगे बढ़वायी. दरअसल, हकीकत यही है कि हिंदी सिनेमा में आज भी आपके व्यक्तिगत रिश्तों के आधार पर ही आपके प्रोफेशनल रिश्ते आधारित हैं. और आपके पर्सनल इक्वेशन की वजह से आपका प्रोफेशनलिज्म हमेशा प्रभावित होता है. फिर चाहे वह सलमान और ऐश के रिश्ते हों या फिर शाहिद करीना के. दीपिका -रणबीर ने एक अलग रुख इख्तियार किया. उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से काम किया, लेकिन ऐसे उदाहरण कम ही है. इसकी वजह यही है कि आज हिंदी सिनेमा के चमकते कलाकार अलग ही अहंकार की जिंदगी जी रहे होते हैं और वे इस कदर उसमें डूबे होते हैं कि उन्हें सही गलत का फर्क ही पता नहीं चलता. यही वजह है कि आज भी पर्सनल रिश्ते ही प्रोफेशन पर हावी हो रहे हैं. जबकि हिंदी सिनेमा दावा करता है कि वह बेहद प्रोफेशनल है. जबकि हकीकत यही है कि पर्सनल रिश्तें ही आज भी शासन करते हैं.

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