20130903

एक विषय कई दृष्टिकोण


  विशाल भारद्वाज और संजय लीला भंसाली दोनों ही महिला गैंगस्टर्स पर फिल्म बनाने जा रहे हैं. यह दोनों फिल्मकार दो अलग अलग महिला गैंगस्टर पर फिल्म बनाने की तैयारी में है. भारद्वाज जहां सपना उर्फ अशरफ खान गैंगस्टर पर फिल्म बनाने की तैयारी में है जिसका मकसद अपने पति के कातिलों को खत्म करना था वही संजय गैंगस्टर गंगूबाई कोठेवाली की जिंदगी और गुनाह को परदे पर परिभाषित करेंगे. सपना का किरदार अनुष्का को आॅफर हुआ है जबकि गंगूबाई के लिए शबाना आजमी से बातचीत चल रही है. खास बात यह है कि यह दोनों किरदार हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस आॅफ मुंबई से लिए गए हैं. दोनों फिल्मकारों ने इस किताब के इन दो पात्रों पर फिल्म बनाने के अधिकार ले लिये हैं. कुछ ऐसे ही हालात शेख्सपीयर की कुछ नाटकों को लेकर भी हैं. विशाल और तिग्मांशु भी एक दूसरे से लड़ रहे हैं. दोनों को ही इन विषयों पर फिल्म बनानी है.दरअसल, हकीकत यही है कि इन दिनों निर्देशकों में एक अच्छी कहानी को कहने की होड़ है और वे इसके लिए ऐसे विषयों की तलाश कर रहे हैं, जिन्हें वे हर माध्यम से भुना सकें. गैंग्स आॅफ वासेपुर ने साबित कर दिया है कि फिलवक्त दर्शकों को गैंगस्टर पर आधारित फिल्में पसंद आ रही हैं, सो वैसे विषयों का चुनाव हो रहा है. साथ ही शेख्सपीयर के नाटकों पर बनी फिल्में भी हमेशा दर्शकों को रोचक लगी हैं. सो, निर्माता निर्देशक उन्हें भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. किसी दौर में खेल हम जी जान से और चिट्टगांव को लेकर भी काफी विवाद छिड़ा था. चूंकि दो निर्देशकों ने एक ही विषय पर फिल्म बना ली थी. हिंदी सिनेमा में यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है. एक ही विषय पर कई फिल्में बनती रही हैं और बनती रहेंगी. हालांकि इससे दर्शकों को एक ही विषय पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल जाती है. यह अच्छी बात है 

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