20130930

कलाकार का सम्मान

 इरफान खान ने फिल्म मासूम के रीमेक से इनकार कर दिया है. उनका साफ कहना है कि जिस तरह नसीरुद्दीन शाह ने इस फिल्म में भूमिका निभाई थी. वे नहीं निभा पायेंगे. इरफान खान वर्तमान के सबसे लोकप्रिय और बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं. उनका मानना है कि वे किसी भी फिल्म को आसानी से न भी कह सकते हैं और उतनी ही आसानी से हां भी कह देते हैं. अगर कहानी पसंद आयी तो. हाल ही में उनकी फिल्म लंचबॉक्स देखने का मौका मिला. लंचबॉक्स में उनके संवाद अधिक नहीं हैं. लेकिन उनके एक्सप्रेशन उनके पूरे अभिनय के बोल हैं. वे जिस तरह होंठों को टेड़ी कर शरारत वाली मुस्कान देते हैं. जिस उम्र का उन्होंने किरदार निभाया है. उस उम्र में भी वे किस तरह रुमानी है और किस तरह उन्होंने उस किरदार को जीवंत किया है. फिल्म देखने के बाद आप इस बात का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं कि वह कलाकार कितना सुलझा हुआ है. वह पान सिंह तोमर बनता है. तब भी दर्शकों को लुभाता है और वह जब अपनी उम्र से कोई बड़ा किरदार निभाता है. तब भी वह किस तरह उन किरदारों को सार्थक बनाता है. इरफान का मानना है कि दर्शकों को इंगेज करना जरूरी है. अगर दर्शक इंगेज होंगे तभी वह आपके साथ साथ चल पायेंगे. दरअसल, हकीकत यही है कि इरफान इतनी सफलता के बावजूद अब भी अभिनय के लिए अपनी भूख को बरकरार रखना चाहते हैं. जो उन्हें इस तरह के किरदारों को निभाने के लिए प्रभावित करे. हिंदी सिनेमा में ऐसे कलाकारों की संख्या कम है. सो, जरूरत है हिंदी सिनेमा को वे ऐसे कलाकारों का मान करें और उन्हें सम्मानजनक किरदार ही नहीं मेहनताना भी दे. आज भी इरफान, मनोज, नसीरुद्दीन शाह की यह शिकायत है कि उन्हें कमतर आंका जाता है. वक्त आ गया है कि इन्हें अच्छी फिल्में मिले.

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