20130903

'लुक छुप के प्यार से इतर


फिल्म रांझणा से पहले धनुष से बात हुई थी. उन्होंने अपनी बातचीत में स्वीकारा था कि शादी से पहले वह एक प्रेम संबंध में थे. वह प्रेम छोटे अंतराल का ही था. लेकिन फिर भी वह प्रेम था. धनुष ने बाद में शादी ऐश्वर्य से की. लेकिन आज भी वह उस शॉर्ट टर्म रिलेशनशीप को प्रेम का नाम दिया न कि आकर्षण. चूंकि उनका मानना था कि वह उनका पहला प्यार था और वह उस प्यार की तौहीन यह कह कर नहीं कर सकते कि  वह सिर्फ एक आकर्षण था. एक पत्रकार ने जब धनुष पर दबाव डाला कि वह आपका सिर्फ आकर्षण रहा होगा. तो उन्होंने तुरंत इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नहीं वह प्यार था. मैं उसे सिर्फ आकर्षण नहीं कह सकता. वह मेरे लिए मायने रखता है. फिल्म भाग मिल्खा भाग में मिल्खा सिंह को मेलबर्न में एक लड़की के साथ रात गुजारते हैं. लेकिन वह उसे अपनी प्रेमिका का नाम देते हैं और सबसे खास बात यह है कि मिल्खा सिंह ने खुद पर आधारित फिल्म में इसे दिखाये जाने से कोई आपत्ति नहीं जतायी. उन्होंने स्वीकारा कि वह उनका प्रेम थी, वह चाहते तो फिल्म से इन दृश्यों को हटा सकते थे. लेकिन मिल्खा सिंह तो बने ही गट्स से हैं. वे जितने साहसी खेल के मैदान पर थे. वास्तविक जीवन में भी वह उतने ही रुआब से रहे. दरअसल, व्यक्ति को प्रेम भी करना ही चाहिए तो यूं ही टूट कर करना चाहिए. न कि लुका छुप्पी से. धनुष, मिल्खा सिंह जैसी कई शख्सीयत हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में प्रेम किया लेकिन शादी किसी और से की. लेकिन वे अपने पुराने प्रेम को स्वीकार पाने की हिम्मत नहीं कर पाते. या यूं कहें जुररत नहीं कर पाते. उन्हें लगता है कि इससे उनकी छवि धूमिल हो जायेगी. लेकिन प्यार तो प्यार है. उसे कोई और नाम देना प्यार की तौहीन है. अपमान है. आखिर कृष्ण ने भी प्रेमिका राधा को दुनिया में जो सम्मान दिलाया. वह पत् नी को नहीं दिया था.

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