आशा पारेख ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि विकिपिडिया में कई जगहों पर इस बारे में चर्चा है कि आशा पारेख का जन्म गुजरात में हुआ था. चूंकि वे पारेख हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि उनका जन्म महाराष्टÑ में हुआ है. हाल ही में जब जिया खान की मौत हुई. उस वक्त विकिपिडिया में कई जगह इस बात का जिक्र था उन्होंने अपनी पहली शुरुआत फिल्म तुमसा नहीं देखा से की थी. यह जानकारी भी पूरी तरह गलत है. दरअसल, हकीकत यही है कि हम फिल्म पत्रकार कई बार इंटरनेट की दुनिया पर पूरी तरह विश्वास करते हैं और उनमें दी गयी जानकारियों के आधार पर ही अपना आलेख पूरा करते हैं. जबकि हकीकत यह है कि कई बार इंटरनेट पर मनगढंत कहानियां और जानकारी होती है, खासतौर से फिल्मी कलाकारों को लोग गंभीरता से नहीं लेते. सो, उनके बारे में ऐसी कई जानकारी जो गलत भी होती है. हम उसे सही मान लेते हैं. कई बार फिल्मी सितारों व फिल्मी हस्तियों तक पहुंच संभव नहीं होती. सो, आलेख की पूर्ति के लिए गलत जानकारियां हम शामिंल कर लेते हैं. इस संदर्भ में पीके नायर साहब ने एक बेहतरीन प्रयास किया, तब जाकर फिल्म का आर्काइव तैयार हो पाया. दरअसल, फिल्मी दुनिया को अब भी भारत में उतनी गंभीरता से नहीं देखा जाता. इसलिए उनके इतिहास को लेकर भी गंभीरता नहीं. जबकि हिंदी सिनेमा के कुछ शख्सियत जैसे अन्नु कपूर, तब्बसूम, फरीदा जलाल जैसे कलाकारों ने हिंदी सिनेमा की धरोहर और हिंदी फिल्म के शख्सियत की कहानियों और उनकी जानकारियों को समेटने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है.सो, यह जरूरत है कि जिनके पास पुराने जमाने की ऐसी जानकारियां उपलब्ध है, उन्हें ज्यादा से ज्यादा मंच दिया जाये. ताकि जानकारी में मौलिकता आ सके.
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20130903
जानकारी क ेअभाव में
आशा पारेख ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि विकिपिडिया में कई जगहों पर इस बारे में चर्चा है कि आशा पारेख का जन्म गुजरात में हुआ था. चूंकि वे पारेख हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि उनका जन्म महाराष्टÑ में हुआ है. हाल ही में जब जिया खान की मौत हुई. उस वक्त विकिपिडिया में कई जगह इस बात का जिक्र था उन्होंने अपनी पहली शुरुआत फिल्म तुमसा नहीं देखा से की थी. यह जानकारी भी पूरी तरह गलत है. दरअसल, हकीकत यही है कि हम फिल्म पत्रकार कई बार इंटरनेट की दुनिया पर पूरी तरह विश्वास करते हैं और उनमें दी गयी जानकारियों के आधार पर ही अपना आलेख पूरा करते हैं. जबकि हकीकत यह है कि कई बार इंटरनेट पर मनगढंत कहानियां और जानकारी होती है, खासतौर से फिल्मी कलाकारों को लोग गंभीरता से नहीं लेते. सो, उनके बारे में ऐसी कई जानकारी जो गलत भी होती है. हम उसे सही मान लेते हैं. कई बार फिल्मी सितारों व फिल्मी हस्तियों तक पहुंच संभव नहीं होती. सो, आलेख की पूर्ति के लिए गलत जानकारियां हम शामिंल कर लेते हैं. इस संदर्भ में पीके नायर साहब ने एक बेहतरीन प्रयास किया, तब जाकर फिल्म का आर्काइव तैयार हो पाया. दरअसल, फिल्मी दुनिया को अब भी भारत में उतनी गंभीरता से नहीं देखा जाता. इसलिए उनके इतिहास को लेकर भी गंभीरता नहीं. जबकि हिंदी सिनेमा के कुछ शख्सियत जैसे अन्नु कपूर, तब्बसूम, फरीदा जलाल जैसे कलाकारों ने हिंदी सिनेमा की धरोहर और हिंदी फिल्म के शख्सियत की कहानियों और उनकी जानकारियों को समेटने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है.सो, यह जरूरत है कि जिनके पास पुराने जमाने की ऐसी जानकारियां उपलब्ध है, उन्हें ज्यादा से ज्यादा मंच दिया जाये. ताकि जानकारी में मौलिकता आ सके.
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