आनंद एल राय की फिल्म रांझणा का कुंदन बनारस की गलियों का रांझणा है. वह जोया से प्यार करता है. लेकिन यह प्यार निस्वार्थ है. वह प्यार की खातिर कुछ भी कर गुजरने को तैयार है. आनंद एल राय ने वाकई धनुष को कुंदन के रूप में ढाल कर एक नया प्रयोग किया है. फिल्म की रिलीज से पहले इस बात पर खास चर्चा हो रही थी कि क्या धनुष तमिल प्रांत के होकर बनारस के छोरे का किरदार निभा पायेंगे. लेकिन आनंद एल राय ने वह करके दिखाया है. फिलवक्त साउथ की फिल्मों का हिंदी में जम कर रीमेक दिखाया जा रहा है. हूबहू दृश्यों को परदे पर उतारा जा रहा है. फर्क सिर्फ इतना होता है कि फिल्म के कलाकार बदल जाते हैं. यह प्रयोग नहीं, लेकिन बॉलीवुड ने धनुष के रूप में जो सितारा साउथ से चुना है. वह नायाब है. धनुष ने जिस तरह कुंदन के किरदार को संजीवनी प्रदान की है. वह कोई और अभिनेता नहीं कर पाता. लोग उन्हें कोलावरीडी के रूप में फिल्म देखने से पहले तक ही याद रखेंगे. लेकिन फिल्म देखने के बाद निश्चित तौर पर कुंदन रांझणा अमर हो जायेगा. हाल के दिनों में इतने सशक्त किरदारों वाली फिल्म नहीं आयी है. कई दिग्गज बड़े बड़े विषय लेकर आये हैं. लेकिन जो कमाल आनंद एल राय ने कर दिखाया है. वह हर किसी के बस की बात नहीं. इन दिनों शाहरुख खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस भी चर्चा में है. फिल्म में दीपिका पादुकोण ने पूरी तरह तमिल डिक् शन में बात की है. दीपिका बिल्कुल लुक में नहीं अपनी बातचीत में भी चेन्नई की लड़की नजर आ रही है. फिल्मकार इन दिनों इस तरह के नये प्रयोग कर रहे हैं. जो अच्छे हैं. हिंदी फिल्मों के इतिहास में रांझणा भी खास मुकाम बनायेंगी. चूंकि न सिर्फ फिल्म के संवाद, कहानी, सबकुछ में आनंद राय ने एक अलग कहानी कहने की कोशिश की है.कामयाब कोशिश के लिए आनंद एल राय बधाई के पात्र हैं
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20130903
आनंद एल राय की रांझणा
आनंद एल राय की फिल्म रांझणा का कुंदन बनारस की गलियों का रांझणा है. वह जोया से प्यार करता है. लेकिन यह प्यार निस्वार्थ है. वह प्यार की खातिर कुछ भी कर गुजरने को तैयार है. आनंद एल राय ने वाकई धनुष को कुंदन के रूप में ढाल कर एक नया प्रयोग किया है. फिल्म की रिलीज से पहले इस बात पर खास चर्चा हो रही थी कि क्या धनुष तमिल प्रांत के होकर बनारस के छोरे का किरदार निभा पायेंगे. लेकिन आनंद एल राय ने वह करके दिखाया है. फिलवक्त साउथ की फिल्मों का हिंदी में जम कर रीमेक दिखाया जा रहा है. हूबहू दृश्यों को परदे पर उतारा जा रहा है. फर्क सिर्फ इतना होता है कि फिल्म के कलाकार बदल जाते हैं. यह प्रयोग नहीं, लेकिन बॉलीवुड ने धनुष के रूप में जो सितारा साउथ से चुना है. वह नायाब है. धनुष ने जिस तरह कुंदन के किरदार को संजीवनी प्रदान की है. वह कोई और अभिनेता नहीं कर पाता. लोग उन्हें कोलावरीडी के रूप में फिल्म देखने से पहले तक ही याद रखेंगे. लेकिन फिल्म देखने के बाद निश्चित तौर पर कुंदन रांझणा अमर हो जायेगा. हाल के दिनों में इतने सशक्त किरदारों वाली फिल्म नहीं आयी है. कई दिग्गज बड़े बड़े विषय लेकर आये हैं. लेकिन जो कमाल आनंद एल राय ने कर दिखाया है. वह हर किसी के बस की बात नहीं. इन दिनों शाहरुख खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस भी चर्चा में है. फिल्म में दीपिका पादुकोण ने पूरी तरह तमिल डिक् शन में बात की है. दीपिका बिल्कुल लुक में नहीं अपनी बातचीत में भी चेन्नई की लड़की नजर आ रही है. फिल्मकार इन दिनों इस तरह के नये प्रयोग कर रहे हैं. जो अच्छे हैं. हिंदी फिल्मों के इतिहास में रांझणा भी खास मुकाम बनायेंगी. चूंकि न सिर्फ फिल्म के संवाद, कहानी, सबकुछ में आनंद राय ने एक अलग कहानी कहने की कोशिश की है.कामयाब कोशिश के लिए आनंद एल राय बधाई के पात्र हैं
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