20140401

उलझते रिश्ते


 अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत उस वक्त से एक दूसरे के साथ हैं जब से वे टीवी शो में काम करते थे वही दोनों दोस्त भी बने और फिर उन्होंने साथ साथ काम किया।  आज दोनों एक दूसरे के बेहद करीबी हैं लेकिन फिर भी दूरियां हैं।  इन दूरियों के वजह यह है कि अब दोनों काम एक ही कर रहे लेकिन दोनों का माध्यम अलग अलग है।  एक टीवी में हैं दूसरे फिल्म में. सुशांत ने जो सफलता हासिल की हैं।  वह सफलता कभी अंकिता की चाहत थी।  याद हो कि अंकिता ने कभी जी सिने स्टार में भाग इसलिए लिया था ताकि वह फिल्मों में जा सके।  उस वक़्त टीवी से फिल्मों में जाने का रास्ता इतना आसान नहीं था जितना अब है।  उस वक़्त वह अंतिम चरण तक नहीं पहुंच पायी थी।  लेकिन उन्होंने अभिनय करने के अपने शौक को नहीं छोड़ा और फिर उन्हें टीवी में काम करने का मौका भी मिला।  लेकिन आज जब सुशांत उनके साथ होते हुए भी उनसे आगे निकल गए हैं तो कहीं न कहीं अंकिता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं सुशांत का हाथ छूट जाये।  चूँकि वह इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि इस इंडस्ट्री में वक्त बदलते देर नहीं लगती।  कभी कोई साथ है कभी नहीं हैं।  और यहाँ न अफवाहों पर ही दुनिया चलती है।  सो, हो सकता है कि वह अफवाहों को भी सही मान बैठ रही हैं।  दरअसल दोष अंकिता का नहीं हैं और न ही उनकी सोच का है।  दरअसल इंडस्ट्री में इतने सालों तक रहने के बाद उन्हें यह एहसास हो गया है कि पल में लोग बदल जाते हैं।  साथ ही बॉलीवुड के लोगों के लिए आज भी टेलीविजन की दुनिया बिल्कुल छोटी है।  और स्टारडम वाली सफलता अपने साथ कई चीजें भी साथ लाती हैं।  जिसमें कुछ का साथ तो जान बूझ कर छोड़ना पड़ता है तो कुछ का साथ छूटता चला जाता है।  अंकिता इसी डर से खुद को रोक नहीं पा रही हैं।  चूँकि यह इतिहास रहा है कि वैसी शख्सियत जिन्होंने बड़ा मुकाम हासिल तो किया लेकिन निजी जिंदगी में वे कभी सफल नहीं रहे. अमिताभ , इमरोज और ऐसी कई शख्सियत हैं। अनुराग अपनी दूसरी शादी के रिश्ते में भी विफल हैं ,  जिनके रिश्ते निभ नहीं पाते।  ऐसे में अगर अंकिता इस बात को लेकर चिंतित हैं तो उनकी व्यथा को भी समझना चाहिए।  लेकिन साथ ही साथ उन्हें अफवाहों पर भी अधिक ध्यान नहीं देना चाहिए। 

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