20140425

्न मुझे साक्षात शिव के दर्शन हुए हैं : रवि किशन


उनके रग रग में शिव हैं. वे शिव के भक्त नहीं, बल्कि शिव को गुरु और खुद को उनका शिष्य मानते हैं. उन्हें जिंदगी में ऊर्जा हर हर महादेव के नारे से मिलती हैं. बात हो रही है बेहतरीन अभिनेता रवि किशन की. उनकी जिंदगी में क्यों हैं शिव की भूमिका अतुल्नीय. 

शिव की तरह मैं भी दिल का साफ हूं. लेकिन एक बार जो गुस्सा आ जाये तो तांडव मच जाता है. 
रवि किशन शिव को हमेशा अपना अराध्य, गुरु बताते रहे हैं. ऐसा कब से और इसके पीछे की वजह?
शिवभक्ति मुझे विरासत में मिली है. मेरे पिताजी पंडित श्याम नारायण शुक्ल एक पुजारी थे. बचपन से उन्हें मैंने शिव भक्ति में लीन पाया. मेरी माताजी भी अपने दिन की शुरुआत पूजा पाठ से करती थी. यही वजह है कि मुझे भी भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा जगी और आज मैं दुनिया के किसी कोने में भी रहूं बिना शिव को स्मरण किये दिन की शुरुआत नहीं करता.
- आपकी जिंदगी में शिव का क्या महत्व है?
मेरी जिंदगी में शिव का वही स्थान है. जो मेरे माता पिता का है. मैं शिव से अलग खुद को देख ही नहीं सकता. मेरे लिए शिव सत्य हैं और मैं उनकी महिमा को सबसे सत्य मानता हूं और मानता हूं कि शिव की महिमा न होती तो शायद मैं आज यहां तक कभी नहीं पहुंचता.
- कोई ऐसी घटना या बात, जिसने शिव भक्ति की ओर प्रेरित किया?
शिवभक्ति तो बचपन से कर रहा हूं. चूंकि शिव ने कई बार मुझे जीवन में सच्चाई का रास्ता दिखाया है. तीन साल पहले बनारस में इसक की शूटिंग कर रहा था. मुझे जीप चला कर सामने से एक ट्रक को रोकना था. दृश्य के अनुसार ट्रक को दस मीटर की दूरी पर रुकना था. लेकिन ऐन मौके पर ड्राइवर का पैर ब्रेक पर नहीं लगा. मेरे पास मात्र कुछ सेकेंड का वक्त था. ट्रक सीधे जीप से टकराने के बाद रुकी. अगर मैं जीप में होता शायद आपसे बात नहीं कर रहा होता. मैंने जंप कैसा लगाया. मुझे खुद पता नहीं. एक अदृश्य शक्ति ने मुझे बचाया. जो की यकीनन भोलेनाथ ही थे उन्होंने मुझे बाहर खींच लिया. इस तरह की कई घटनाएं जिंदगी में होती रही हैं और यही वजह है कि मैं शिव की आराधना में लीन रहना चाहता हूं और बेहद खुश रहता हूं.
- आपकी ऊर्जा और जिंदादिली से शिव का कोई संबंध? 
भगवान शिव औघड़ दानी हैं. वो दुनिया में ऊर्जा के स्रोत हैं और जिनके पास ऊर्जा का भंडार होगा. उनसे बड़ा जिंदादिल कौन हो सकता है. और मेरा तो डायरेक्ट कनेक् शन भगवान शिव से हैं क्योंकि उनकी तरह मैं भी औघड़ हूं. दिल में कुछ नहीं हैं, जो हैं जुबान पर है. वही दिल में हैं. मेरा मानना है कि जिस इंसान का दिल साफ होता है. उससे ज्यादा ऊर्जावान और जिंदादिल कोई नहीं.
- अपने व्यक्तित्व को किस तरह परिभाषित करेंगे?
मैं खुद को एक सरल और सीधा इंसान मानता हूं. जो दूसरों के दुख से दुखी होता है और दूसरों के सुख से सुकून महसूस करता है. किसी की सफलता से जलता नहीं है बल्कि प्रेरणा लेता है. जो सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहता है, पर जिन्हें तन्हाई भी पसंद है. ठीक उसी तरह जिस तरह भोले बाबा हिमालय पर विराजते थे. गुस्सा तब तक नहीं आता. जब तक कुछ बहुत बुरा ना हुआ हो और एक बार जो गुस्सा आया गया तो तांडव मच जाता है.
- आप रूद्राक्ष धारण करते हैं, इससे क्या अनुभव होता है? आपकी नजर में इसका महत्व?
रुद्राक्ष सिर्फ एक पवित्र माला ही नहीं है, बल्कि उसका सीधा संबंध इंसान के दिल से होता है. रुद्राक्ष दिल को मजबूती देता है. रही बात मेरे जीवन में इसके महत्व की तो उसके बिना मैं खुद को अधूरा महसूस करता हूं. अर्थात मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है. श्ूटिंग के दौरान मेरे वैनिटी वैन में भी भगवान भोलेनाथ के साथ रुद्राक्ष आपको दिख जायेंगे.
- अकसर बम-बम भोले या ह्यजय शिव शंकर कह कर अपनी बात कहते हैं. इसके पीछे कोई राज? क्या कोई ऊर्जा मिलती है?
महादेव को हर हर करने से वातावरण से विनाशकारी शक्तियां कमजोर होती हैं. यह एक ऐसा उद्धोष है जिसके सुनने मात्र से ही राग राग में ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है. जहां तक इसके पीछ ेछुपे राज की बात है तो आपको बता दूं कि बचपन से ही मुझे लगता था कि दुनिया में कुछ करने आया हूं. खुद को एक संन्यासी समझता था. यह बात साफ भी हो गयी है कि जब मैं राज पिछले जनम का है में अपने पिछले जीवन में गया तो खुद को बर्फीली पहाड़ी पर बिना कपड़ों के एक नागा साधू के रूप में पाया. दुनिया भले ही कहे कि भगवान एक अदृश्य शक्ति है. पर मुझे साक्षात दर्शन हुए हैं शिव के.साक्षात भगवान शिव को मैंने अपने समक्ष पाया था. उस समय मैंने इसका जिक्र अपने सहयोगी कलाकार मनोज बाजपेयी से भी किया था.
- असफलता से बाहर निकलने में शिव भक्ति ने किस तरह मदद की?
असफलता अगर सफलता की जननी है तो आपके आराध्य देव आपके मार्गदर्शक होते हैं, जो पल पल आपको सही दिशा की ओर बढ़ने की प्रेरणा देते हैं. मैं गर्व से कहता हूं कि भोलेनाथ ने मुझे संघर्ष के दिनों पर कभी हिम्मत हारने नहीं दिया और यही वजह है कि आज मैं खुद को अभिनय का भूखा पर सफल अभिनेता मानता हूं.
कभी शिव सामने आये तो क्या कहना चाहेंगे?
बस उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मेरी सारी मनोकामना पूरी की.

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