चेतन भगत के उपन्यास टू स्टेट्स पर बनी फिल्म टू स्टेट्स का फर्स्ट लुक हाल ही में जारी किया गया है. इस फिल्म में आलिया भट्ट और अर्जुन कपूर मुख्य किरदार निभा रहे हैं. फिल्म की कहानी मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच हैं. लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं और एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं. चूंकि उन्हें लगता है कि शादी करने के लिए तो एकमात्र तत्व आवश्यक है और वह है प्रेम. लेकिन बाद में उन्हें यह परिस्थिति समझ आती है कि शादी के लिए प्रेम सबसे आखिरी तत्व है. सबसे अहम तो दो परिवारों की रजामंदी है. फिलवक्त एकता कपूर का शो ये हैं मोहब्बते में भी मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच पनप रहे दो लोगों की प्रेम की कहानी पर आधारित है. फिल्म और धारावाहिक में अंतर बस इतना है कि धारावाहिक के नायक नायिका एक दूसरे को पसंद नहीं करते तो दूसरी तरफ फिल्म में दो परिवार एक दूसरे को पसंद नहीं करते. फिल्म के ट्रेलर में मद्रासी इस बात का दिखावा करते हैं कि वह शिक्षित लोग होते हैं तो दूसरी तरफ पंजाबी मां का कहना है कि मद्रासी गोरे तो नहीं होते न...ठीक इसी तरह धारावाहिक ये हैं मोहब्बते में मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच की शादी के रिति रिवाजों के अंतर को बखूबी दर्शाया गया है. दरअसल, हकीकत यही है कि ऐसी कहानियां भारतीय संस्कृति की पहचान है. ये कहानी भारत में बन सकती हैं. हर बार. लगातार. चूंकि भारत में हर दो कदम पर पानी और वहां की भाषा बदल जाती है. खुद इम्तियाज अली इस बात को स्वीकारते हैं. फिल्मों के माध्यम से एक प्रांत की दूसरे प्रांत के लोगों के बारे में क्या सोच है. इसे बखूबी दिखाया जा रहा है. टोटल सियापा में दो मूल्कों के बीच विभिन्नताओं और मतभेदों को हास्य तरीके से दिखाने की कोशिश की गयी है. जाहिर है इन फिल्मों का सिलसिला जारी रहेगा
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20140401
दो प्रांत दो प््रोमी
चेतन भगत के उपन्यास टू स्टेट्स पर बनी फिल्म टू स्टेट्स का फर्स्ट लुक हाल ही में जारी किया गया है. इस फिल्म में आलिया भट्ट और अर्जुन कपूर मुख्य किरदार निभा रहे हैं. फिल्म की कहानी मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच हैं. लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं और एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं. चूंकि उन्हें लगता है कि शादी करने के लिए तो एकमात्र तत्व आवश्यक है और वह है प्रेम. लेकिन बाद में उन्हें यह परिस्थिति समझ आती है कि शादी के लिए प्रेम सबसे आखिरी तत्व है. सबसे अहम तो दो परिवारों की रजामंदी है. फिलवक्त एकता कपूर का शो ये हैं मोहब्बते में भी मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच पनप रहे दो लोगों की प्रेम की कहानी पर आधारित है. फिल्म और धारावाहिक में अंतर बस इतना है कि धारावाहिक के नायक नायिका एक दूसरे को पसंद नहीं करते तो दूसरी तरफ फिल्म में दो परिवार एक दूसरे को पसंद नहीं करते. फिल्म के ट्रेलर में मद्रासी इस बात का दिखावा करते हैं कि वह शिक्षित लोग होते हैं तो दूसरी तरफ पंजाबी मां का कहना है कि मद्रासी गोरे तो नहीं होते न...ठीक इसी तरह धारावाहिक ये हैं मोहब्बते में मद्रासी परिवार और पंजाबी परिवार के बीच की शादी के रिति रिवाजों के अंतर को बखूबी दर्शाया गया है. दरअसल, हकीकत यही है कि ऐसी कहानियां भारतीय संस्कृति की पहचान है. ये कहानी भारत में बन सकती हैं. हर बार. लगातार. चूंकि भारत में हर दो कदम पर पानी और वहां की भाषा बदल जाती है. खुद इम्तियाज अली इस बात को स्वीकारते हैं. फिल्मों के माध्यम से एक प्रांत की दूसरे प्रांत के लोगों के बारे में क्या सोच है. इसे बखूबी दिखाया जा रहा है. टोटल सियापा में दो मूल्कों के बीच विभिन्नताओं और मतभेदों को हास्य तरीके से दिखाने की कोशिश की गयी है. जाहिर है इन फिल्मों का सिलसिला जारी रहेगा
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