20140425

दशरथ मांझी सा हूं मैं : आमिर खान


 आमिर खान एक बार फिर सत्यमेव जयते लेकर छोटे परदे पर वापसी कर रहे हैं. इस बार भी वे कई मुद्दों को अपने शो के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचायेंगे.

 सत्यमेव जयते के इस सीजन में इस बार सिर्फ पांच मुद्दे ही चुनने की वजह?
नहीं ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ पांच मुद्दों के साथ आ रहे हैं. दरअसल, हम टुकड़ों में इस बार यह शो कर रहे हैं. हम तीन टुकड़ों में इसे करेंगे. हमें लगता है कि इस शो के मुद्दे बहुत भारी हैं. और उसमें हम इतनी चीजें दिखाते हैं तो हम चाहते हैं कि लोग उसे डाइजेस्ट करे.उसे ठीक से समझें और हम वह वक्त देना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि लोग जो हमारा एपिसोड देखें तो उसे ठीक से फील करें. इसके अलावा जमीनी स्तर पर हम चाहते हैं कि उसमें कुछ इंप्रूवमेंट हो. हमलोग भी इसमें मदद करें. तो इन चीजों के लिए वक्त चाहिए.
दशरथ मांझी की कहानी से इस शो की शुरुआत करने की कोई खास वजह?
हां, आपको याद होगा, हमने पिछले सीजन में सिर्फ दशरथ मांझी जी के बारे में जिक्र किया था. लेकिन मैंने जब उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल की और उन्हें जाना तो मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ. आप सोचिए लोग उन्हें पागल कहते थे कि कोई कैसे पहाड़ पर रास्ता बना देगा. लेकिन उन्होंने लोगों की फिक्र नहीं की. मैं भी ऐसा ही जुनूनी आदमी हूं. मुझे भी हर कोई कहता रहता है अरे ये तो पागल है. देखो क्या कर रहा है. देखो लगान बना रहा है. देखो सत्यमेव जयते जैसा शो बना रहा है. लेकिन मैं भी किसी की नहीं सुनता तो मुझे लगता है कि मैं दशरथ मांझी जैसा ही हूं और उनका यही व्यक्तित्व मुझे बहुत ज्यादा प्रभावित करता है. यही वजह है कि हमने उनकी कहानी को चुनने का निर्णय लिया. दूसरी वजह यह थी कि सत्यमेव जयते के पहले सीजन से हमें किसी कड़ी को जोड़ना था. तो हमने यही तरीका अपनाया. मैं दशरथ मांझी के गांव गया था. वहां लगभग 35000 लोग एकत्रित हुए थे और मैंने जब गांव देखा तो मुझे लगा कि दशरथ मांझी ने कितनी परेशानियों से जूझते हुए यह सब पूरा किया होगा. वहां के लोग कितने मासूम हैं और वे कितने शौक से मुझे देखने आये हैं. मुझसे कितनी उम्मीदें हैं तो मैंने तो तय भी किया है कि हम अपनी तरफ से और सत्यमेव जयते के माध्यम से जो भी कर सकेंगे हम उनके परिवार और गांव को सहयोग जरूर करेंगे.
कभी अगर दशरथ मांझी पर फिल्म बनाने के अवसर मिले तो?
नहीं फिलहाल इस बारे में नहीं सोचा है. और उन पर शायद कुछ फिल्में बन रही हैं और ऐसी हस्तियों पर फिल्में बननी भी चाहिए. जो फिल्म बना रहे हैं. वह उस फिल्म के साथ पूरी तरह से न्याय करें. यही उम्मीद करूंगा.
आमिर पिछली बार जब आपसे बातचीत हुई थी तो आपने कहा था कि आपको टीआरपी की कोई चिंता नहीं और आपको टीआरपी की बातें समझ भी नहीं आतीं. इस बार आप क्या कहेंगे?
मैं पिछली बार उतनी जानकारी नहीं रखता था. लेकिन हां, अब समझ चुका हूं. लेकिन मैं इस बात से सिरे से इनकार करता हूं कि करोड़ों की आबादी क्या देखती है. इसका निर्णय कुछेक डिब्बे करते होंगे. टीआरपी में तो भारत के कई राज्य आते ही नहीं है. मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूं. मैं राजस्थान के बेहद छोटे से गांव में गया था. वहां मैं एयरपोर्ट पर कुछ लोकल मीडिया से मिला. उन्हें पीके फिल्म के बारे में बातचीत करने के लिए बुलाया गया था. लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी ने मुझसे फिल्म के बारे में नहीं सिर्फ सत्यमेव जयते के बारे में बात की तो आप देखिए इस शो की पहुंच कहां तक है. हम फिल्म के माध्यम से जितने लोगों तक नहीं पहुंच पाते. टेलीविजन के जरिये पहुंचते हैं और मुझे अच्छा लगता है कि मैंने ऐसा निर्णय लिया. क्योंकि मुझे लोगों से मिलना अच्छा लगता है.
आपको नहीं लगता कि सत्यमेव जयते ब्रांड इसलिए बन पाया चूंकि आपका नाम शो से जुड़ा है. वरना, ऐसे शो और मुद्दे पहले भी उठाये गये हैं.
हां, यह बात तो सच है कि जब कलाकार इस तरह के स्टेप उठाते हैं तो लोगों पर असर होता है और इसलिए हम कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा इस तरह स्टेप्स उठाने चाहिए. ताकि लोगों तक बात पहुंच पाये और लोग इस पर अमल करें. मैं तो कहूंगा कि अगर और भी कलाकार इस तरह के शो करना चाहें तो मैं उन्हें सपोर्ट करूंगा.
सत्यमेव जयते को लेकर आपके परिवार वालों की क्या सोच है?
अम्मी थोड़ा घबराती हैं. चूंकि उन्हें लगता है कि मैं बुरे लोगों का पर्दाफाश कर रहा हूं तो लोग मुझे हानि पहुंचायेंगे. वह मुझे कहती रहती हैं कि आमिर मत करो. मुझे डर लगता है. शेष मेरी पत् नी किरण को यह शो बेहद पसंद है. बेटी आयरा को भी यह शो बेहद पसंद है.
आपके शो में सामाजिक मुद्दे उठाये जाते रहे हैं. तो आखिर आप फिर राजनीति से दूरी क्यों बना कर रखते हैं?
मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं. मैं तो एंटरटेनर हूं और लोगों को एंटरटेन करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. मैं अगर कलाकार रह कर भी समाज सेवा कर ही सकता हूं और अपने दायित्व को पूरा कर रहा हूं तो यकीनन मैं एक जिम्मेदारी पूरा ही कर रहा हूं न फिर मैं क्यों राजनीति पचड़ों में पड़ूं. मैं वही करूंगा जो मैं कर सकता हूं. मेरा पहला काम एंटरटेन करना है लोगों को और उसके माध्यम से लोगों को एजुकेट करना भी. और मैं इसी में खुश हूं.

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