करन जौहर ने कुछ दिनों पहले ही टिष्ट्वट किया कि उनके पिता यश जोहर को लगता था कि करन एक्टिंग कर सकते हैं. लेकिन करन ने कभी यह नहीं सोचा.चूंकि वे जब भी खुद को आईने में देखते. उन्हें लगता कि वे खूबसूरत नहीं. लेकिन उनके पिता की यह इच्छा उनके दोस्त और निर्देशक अनुराग कश्यप ने पूरी कर दी है. अनुराग कश्यप की फिल्म बांबे वेलवेट में करन नकारात्मक किरदार निभा रहे हैं. यह पहली फिल्म होगी, जिसमें करन पूर्ण रूप से कास्ट के रूप में नजर आयेंगे. करन की बातों से यह साफ झलकता है कि उनके पिता को भी बाकी फिल्मी पिताओं की तरह अपने बेटे को एक हीरो के रूप में देखने की लालसा थी. किसी जमाने में प्रेम चोपड़ा ने कई फिल्में ठुकरा दी थीं. चूंकि उन्हें लगता था और उनके परिवार वालों को भी ऐसा लगता था कि वह हीरो के रूप में आ सकते हैं. लेकिन प्रेम ने जल्दी ही यह बात समझ ली और हीरो बनने का भूत उन के सिर से जल्द ही उतर गया. उन्होंने अपनी काबिलियत को समझा और वह काम करना शुरू किया, जिसमें वह पूरी तरह से पारंगत हंै. और सफल खलनायक के रूप में वे कामयाब रहे. करन जौहर और अनुराग कश्यप पिछले कुछ सालों से बेहद करीब आये हैं. बांबे वेलवेट हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में से एक होगी. ऐसी उम्मीद है. और यह फिल्म देखने के बाद ही स्पष्ट होगा कि वाकई करन जौहर इस किरदार के लिए परफेक्ट थे या नहीं. हालांकि अनुराग ने अपनी पिछली फिल्मों में खासतौर से कास्टिंग पर बेहद ध्यान दिया है. उनकी यह पहली फिल्म है. जिसमें सुपरस्टार काम कर रहे. और यह उनकी अब तक की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है. जाहिर है. उन्होंने सारे कदम सोच समझ कर रखे होंगे. सो, वाकई यह देखना दिलचस्प होगा कि करन किस तरह फिल्म में अभिनय करते नजर आते हैं.
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20140425
अभिनय का भूत
करन जौहर ने कुछ दिनों पहले ही टिष्ट्वट किया कि उनके पिता यश जोहर को लगता था कि करन एक्टिंग कर सकते हैं. लेकिन करन ने कभी यह नहीं सोचा.चूंकि वे जब भी खुद को आईने में देखते. उन्हें लगता कि वे खूबसूरत नहीं. लेकिन उनके पिता की यह इच्छा उनके दोस्त और निर्देशक अनुराग कश्यप ने पूरी कर दी है. अनुराग कश्यप की फिल्म बांबे वेलवेट में करन नकारात्मक किरदार निभा रहे हैं. यह पहली फिल्म होगी, जिसमें करन पूर्ण रूप से कास्ट के रूप में नजर आयेंगे. करन की बातों से यह साफ झलकता है कि उनके पिता को भी बाकी फिल्मी पिताओं की तरह अपने बेटे को एक हीरो के रूप में देखने की लालसा थी. किसी जमाने में प्रेम चोपड़ा ने कई फिल्में ठुकरा दी थीं. चूंकि उन्हें लगता था और उनके परिवार वालों को भी ऐसा लगता था कि वह हीरो के रूप में आ सकते हैं. लेकिन प्रेम ने जल्दी ही यह बात समझ ली और हीरो बनने का भूत उन के सिर से जल्द ही उतर गया. उन्होंने अपनी काबिलियत को समझा और वह काम करना शुरू किया, जिसमें वह पूरी तरह से पारंगत हंै. और सफल खलनायक के रूप में वे कामयाब रहे. करन जौहर और अनुराग कश्यप पिछले कुछ सालों से बेहद करीब आये हैं. बांबे वेलवेट हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में से एक होगी. ऐसी उम्मीद है. और यह फिल्म देखने के बाद ही स्पष्ट होगा कि वाकई करन जौहर इस किरदार के लिए परफेक्ट थे या नहीं. हालांकि अनुराग ने अपनी पिछली फिल्मों में खासतौर से कास्टिंग पर बेहद ध्यान दिया है. उनकी यह पहली फिल्म है. जिसमें सुपरस्टार काम कर रहे. और यह उनकी अब तक की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है. जाहिर है. उन्होंने सारे कदम सोच समझ कर रखे होंगे. सो, वाकई यह देखना दिलचस्प होगा कि करन किस तरह फिल्म में अभिनय करते नजर आते हैं.
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