अनिल कपूर न अनुजा चौहान की किताब बैटल फॉर बित्तौरा के सारे राइट्स खरीद लिये हैं. अनिल कपूर ने कहा है कि वे बेहद खुश हैं कि उन्हें इस तरह के उपन्यास पर फिल्म बनाने का मौका मिलेगा. बैटल फॉर बित्तौरा दो राजनेताओं की एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो एक दूजे से प्यार करने के बावजूद चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं . फिल्म के लिए अभिनेता ने अपनी बेटी सोनम कपूर को साइन किया है. हालांकि अब तक अनिल कपूर ने पूरी तरह से इस बात की पुष्टि नहीं की है कि फिल्म में कौन मुख्य किरदार निभायेगा. अनिल कपूर ने 24 के रूप में भारत को एक नये फॉरमेट का शो दिया. शो को बहुत हद तक कामयाबी भी मिली. इसकी बड़ी वजह शो का बड़ा कैनवास था. संजय लीला भंसाली ने सरस्वतीचंद्र के माध्यम से जो भव्य कैनवास तैयार किया. अनिल कपूर ने वही भव्य कैनवास एक् शन, प्रस्तुतिकरण और तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार किया. निश्चित तौर पर उन्होंने अपनी टीम से सलाह मशवरा कर ही इस उपन्यास को बेहतरीन रूप देने का निर्णय लिया होगा. अनुजा चौहान लीक से हट कर विषयों पर उपन्यास लिखती रही हैं. द जोया फैक्टर उनमें से एक थी. इस बार का विषय दिलचस्प है कि कैसे राजनीति और प्रेम के बीच सामांजस्य बिठाया जा सकता है. कैसे नहीं. फिल्म रामलीला में जब राम और लीला राजनीति में उतरते हैं तो दोनों एक प्रेमी की तरह नहीं बल्कि दो दलों के रूप में नजर आते हैं. चूंकि यह स्पष्ट है कि राजनीति या कोई भी प्रतियोगिता दोस्त को दुश्मन बना देती है. ऐसे में यह फिल्म दिलचस्प रहेगी. राजनैतिक मुद्दों को और राजनेताओं पर कई फिल्में बनती रही हैं. लेकिन अनुजा के उपन्यास के ये दो किरदार अलग होंगे. और एक नयी कहानी जरूर गढ़ेंगे. खासतौर से युवाओं को यह फिल्म जरूर आकर्षित करेगी.
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20140401
राजनीति और प्रेम
अनिल कपूर न अनुजा चौहान की किताब बैटल फॉर बित्तौरा के सारे राइट्स खरीद लिये हैं. अनिल कपूर ने कहा है कि वे बेहद खुश हैं कि उन्हें इस तरह के उपन्यास पर फिल्म बनाने का मौका मिलेगा. बैटल फॉर बित्तौरा दो राजनेताओं की एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो एक दूजे से प्यार करने के बावजूद चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं . फिल्म के लिए अभिनेता ने अपनी बेटी सोनम कपूर को साइन किया है. हालांकि अब तक अनिल कपूर ने पूरी तरह से इस बात की पुष्टि नहीं की है कि फिल्म में कौन मुख्य किरदार निभायेगा. अनिल कपूर ने 24 के रूप में भारत को एक नये फॉरमेट का शो दिया. शो को बहुत हद तक कामयाबी भी मिली. इसकी बड़ी वजह शो का बड़ा कैनवास था. संजय लीला भंसाली ने सरस्वतीचंद्र के माध्यम से जो भव्य कैनवास तैयार किया. अनिल कपूर ने वही भव्य कैनवास एक् शन, प्रस्तुतिकरण और तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार किया. निश्चित तौर पर उन्होंने अपनी टीम से सलाह मशवरा कर ही इस उपन्यास को बेहतरीन रूप देने का निर्णय लिया होगा. अनुजा चौहान लीक से हट कर विषयों पर उपन्यास लिखती रही हैं. द जोया फैक्टर उनमें से एक थी. इस बार का विषय दिलचस्प है कि कैसे राजनीति और प्रेम के बीच सामांजस्य बिठाया जा सकता है. कैसे नहीं. फिल्म रामलीला में जब राम और लीला राजनीति में उतरते हैं तो दोनों एक प्रेमी की तरह नहीं बल्कि दो दलों के रूप में नजर आते हैं. चूंकि यह स्पष्ट है कि राजनीति या कोई भी प्रतियोगिता दोस्त को दुश्मन बना देती है. ऐसे में यह फिल्म दिलचस्प रहेगी. राजनैतिक मुद्दों को और राजनेताओं पर कई फिल्में बनती रही हैं. लेकिन अनुजा के उपन्यास के ये दो किरदार अलग होंगे. और एक नयी कहानी जरूर गढ़ेंगे. खासतौर से युवाओं को यह फिल्म जरूर आकर्षित करेगी.
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