स्टार प्लस पर इन दिनों इश्क किल्स नामक शो बेहद लोकप्रिय है. इश्क किल्स के माध्यम से कई ऐसी सच्ची घटनाएं दर्शाई जा रही हैं, जिसमें लोग इश्क के लिए जान देते नहीं लेते हैं. इश्क किल्स के ही एक एपिसोड में दो चचेरे भाई बहनों के बीच प्यार की इतहां को भी दिखाया गया. इश्क किल्स का यह प्रमोशन नहीं. लेकिन यह हकीकत है कि यह शो कई ऐसे बोल्ड घटनाओं को पर्दाफाश कर रहा है, जिसके बारे में बातें न के बराबर होती हैं. हमारे आस पास ऐसी कहानियां पनपते और फिर उसमें लोगों को जान लेते देखा जा सकता है. खासतौर से भाई बहन के बीच पनपने वाले प्रेम के मुद्दे को लेकर मुझे लगता है कि यह पहला शो है, जिसके इसे बखूबी लोगों को समझाने की कोशिश की है. चूंकि दरअसल, हमारे अपने परिवार में. हमारे अपने घर में ही ऐसी कहानियां होती हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन बाद में वे किसी घटना का रूप ले लेती है. इश्क किल्स समाज के उन चेहरों से मुखौटा उठा रही है. जो किसी गली, मोहल्ले, किसी मॉल, और किसी अपार्टमेंट में दबे बैठे हैं. इन घटनाओं को शायद फिल्म का रूप दिया जाता तो शायद इसका मकसद सार्थक न हो पाता. लेकिन इस सीरिज के माध्यम से कई हकीकत सामने आ रहे हैं और दर्शक इसे इस रूप में कतई न लें कि यह किसी हिंसा को बढ़ावा दे रहा है. जबकि कोशिश यह हो कि दर्शक इससे जागरूक हों और ऐसी घटनाओं से सजग रहें. चूंकि कई बार हम अपने आस पास की घटनाओं से ही वाकिफ नहीं होते. इन दिनों मुंबई में एक मिनट नामक प्रोमोशनल वीडियो दिखाये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से यही बताने की कोशिश की जा रही है कि आप अपने आस पास की दुनिया से भी सतर्क रहें. इश्क किल्स जैसे शो को बढ़ावा सिर्फ और सिर्फ इसलिए मिलना चाहिए कि लोग अपनी आंखें खुली रख सकें.
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20140401
आंखोंदेखी इश्क किल
स्टार प्लस पर इन दिनों इश्क किल्स नामक शो बेहद लोकप्रिय है. इश्क किल्स के माध्यम से कई ऐसी सच्ची घटनाएं दर्शाई जा रही हैं, जिसमें लोग इश्क के लिए जान देते नहीं लेते हैं. इश्क किल्स के ही एक एपिसोड में दो चचेरे भाई बहनों के बीच प्यार की इतहां को भी दिखाया गया. इश्क किल्स का यह प्रमोशन नहीं. लेकिन यह हकीकत है कि यह शो कई ऐसे बोल्ड घटनाओं को पर्दाफाश कर रहा है, जिसके बारे में बातें न के बराबर होती हैं. हमारे आस पास ऐसी कहानियां पनपते और फिर उसमें लोगों को जान लेते देखा जा सकता है. खासतौर से भाई बहन के बीच पनपने वाले प्रेम के मुद्दे को लेकर मुझे लगता है कि यह पहला शो है, जिसके इसे बखूबी लोगों को समझाने की कोशिश की है. चूंकि दरअसल, हमारे अपने परिवार में. हमारे अपने घर में ही ऐसी कहानियां होती हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन बाद में वे किसी घटना का रूप ले लेती है. इश्क किल्स समाज के उन चेहरों से मुखौटा उठा रही है. जो किसी गली, मोहल्ले, किसी मॉल, और किसी अपार्टमेंट में दबे बैठे हैं. इन घटनाओं को शायद फिल्म का रूप दिया जाता तो शायद इसका मकसद सार्थक न हो पाता. लेकिन इस सीरिज के माध्यम से कई हकीकत सामने आ रहे हैं और दर्शक इसे इस रूप में कतई न लें कि यह किसी हिंसा को बढ़ावा दे रहा है. जबकि कोशिश यह हो कि दर्शक इससे जागरूक हों और ऐसी घटनाओं से सजग रहें. चूंकि कई बार हम अपने आस पास की घटनाओं से ही वाकिफ नहीं होते. इन दिनों मुंबई में एक मिनट नामक प्रोमोशनल वीडियो दिखाये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से यही बताने की कोशिश की जा रही है कि आप अपने आस पास की दुनिया से भी सतर्क रहें. इश्क किल्स जैसे शो को बढ़ावा सिर्फ और सिर्फ इसलिए मिलना चाहिए कि लोग अपनी आंखें खुली रख सकें.
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