हाल ही में रिलीज हुुई फिल्म मार्गरिटा विद स्ट्रॉ के एक दृश्य में न चाहते हुए भी फिल्म की निर्देशिका शोनाली बोस को फिल्म से दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे की दो पंक्तियां जो फिल्म के किरदार गुनगुनाने वाले थे. हटाने पड़े. वजह यह है कि अब एक नये कॉपीराइट के अनुसार किसी भी फिल्म में कलाकार किसी दूसरी फिल्म या किसी पुरानी फिल्म के गीत गुनगुना भी नहीं पायेंगे. चूंकि अब फिल्मों में गीतों के गुनगुनाने पर भी इसकी फीस म्यूजिक कंपनी को देनी पड़ेगी. हाल ही में यह कानून लागू किये गये हैं. और इसकी वजह से फिल्म के प्रोडयूर्स बेहद परेशान हैं. चूंकि अब अगर स्क्रिप्ट की डिमांड होगी तब भी फिल्म के गीत गुनगुनाने के रूप में भी इस्तेमाल नहीं किये जा सकेंगे. कल्पना कीजिए कि अगर किसी फिल्म में फिल्म की स्क्रिप्ट की मुताबिक केवल दो शब्दों का इस्तेमाल किया जाये और उसके लिए म्यूजिक कंपनी को लगभग करोड़ों में पैसे चुकाने होंगे. दरअसल, इससे बड़ी फिल्मों पर तो दबाव न बने. लेकिन छोटी फिल्मों के लिए यह मुसीबत की घड़ी होगी. चूंकि यो भी वे छोटे बजट में अपनी फिल्में पूरी करते हैं. उनके पास तो फिल्मों के प्रोमोशन के भी पैसे नहीं होते हैं. छोटी फिल्में अधिक रियलिस्टिक होती हैं और रियलिस्टिक अप्रोच के लिए निश्चित तौर पर उन्हें पुराने गीतों की जरूरत होगी, जिसे संदर्भ मात्र के लिए ही सही लेकिन गुनगुनाया जा सके. मगर इस नियम से वे परेशानी में आ सकते हंै. चूंकि कई बार फिल्मों के गीत उस दृश्य को प्रभावशाली बनाने के लिए काफी होते हैं. भंवरे ने खिलाया फूल फूल को ले गया राजकुमार यह पंक्तियां तो न जाने कितनी फिल्मों में दोहराया जा चुका होगा. आने वाले समय में यह संभव है कि कलाकार अपने लोकप्रिय संवादों के प्रयोग की भी फीस लें. अमिताभ, शाहरुख, सलमान के संवाद चूंकि सबसे लोकप्रिय हैं.
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