20150630

एक अनुभव


रितेश देशमुख ने हाल ही में फेसबुक पर जानकारी दी कि वे अपने बेटे को अपने पिता विलासराव देशमुख के पैतृक स्थान पर लेकर गये. खास बात यह थी कि उन्होंने वहां पहुंचने के लिए रेलगाड़ी का माध्यम चुना. वे चाहते तो वायुयान या अपनी निजी गाड़ी से भी वहां जा सकते थे. लेकिन उन्होंने खुद स्वीकारा  है कि वे चाहते थे कि वे अपने बेटे को रेलगाड़ी का सफर तय करवाएं. ताकि अपने बेटे को एक अलग अनुभव करा सकें. शाहरुख खान ने उनके पिता से जुड़ी यादों के बारे में बातें होती हैं तो वे हमेशा इस बात का जिक्र करते हैं कि उनके पिता उन्हें रेलगाड़ी से कई जगह लेकर जाते थे. और वे रास्ते में ट्रेन में बिकने वाली हर चीज खाना पसंद करते थे. रितेश का यह व्यवहार दर्शाता है कि वह अब भी अपनी जमीन से कितने जुड़े हैं. शायद किसी दौर में जब रितेश के बेटे बड़े होंगे तो वे भी अपनी उन यादों में इस बात को शामिल करेंगे कि वे कभी रेलगाड़ी से अपने दादाजी के गांव गये थे. वर्तमान दौर में देखें तो सेलिब्रिटिज शायद ही अपने एसी कमरों से बाहर निकल कर देख पाते हैं और अपने माता पिता के पैतृक स्थानों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं होती. एक अभिनेत्री ने तो हाल ही में स्वीकारा है कि गरमी किसे कहते हैं. वह नहीं जानतीं क्योंकि वे कभी एसी से बाहर आयी ही नहीं हैं. एसी कमरे से निकल कर एसी कार, फिर फ्लाइट और फिर कमरा. ऐसे में आप अनुमान लगा सकते हैं कि उन्होंने जिंदगी के क्या अनुभव जिये होंगे. रितेश देशमुख मराठी फिल्मों को लेकर भी सक्रिय हैं और वे लगातार अपने प्रोडक् शन हाउस की फिल्में बना रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि एक ऐसे परिवार में रह कर भी वे अपनी जमीनी सच्चाई छोड़ना नहीं चाहते.और यही उन्हें अन्य कलाकारों से अलग करती है. जाहिर है कि वे अपने बेटे को भी परवरिश में अपनी जमीनी सच्चाई से जोड़े रखने का प्रयास करेंगे.

No comments:

Post a Comment