परिणीति चोपड़ा इन दिनों परदे पर दिखाई नहीं दे रही हैं. उन्होंने थोड़ा ब्रेक लिया है और उनके बारे में लगातार खबरें आनी शुरू हो गयी हैं कि अब उन्हें फिल्में ही नहीं मिल रहीं. इसलिए वे परदे पर दिखाई नहीं दे रही हैं. विद्या बालन ने भी पिछले कुछ सालों से फिल्मों की संख्या घटाई है. अब वे कम फिल्में कर रही हैं. अनुष्का शर्मा की भी पिछले साल सिर्फ फिल्म पीके रिलीज हुई थी. कंगना ने भी तय किया है कि वे लगातार फिल्में नहीं करेंगी. फिलवक्त अभी अगर साल में सबसे ज्यादा किसी अभिनेत्री की फिल्में रिलीज हो रही हैं तो वह हैं दीपिका पादुकोण. इस वर्ष भी उनकी फिल्में पीकू और बाजीराव मस्तानी रिलीज होने वाली है. तमाशा भी शायद इसी वर्ष रिलीज हों. दरअसल, अभिनेत्रियां अगर यह निर्णय लेती हैं तो ऐसी खबरों का तातां लग जाता है कि उन्हें फिल्में नहीं मिल रहीं. और उनका वक्त पूरा हो चुका है. अब वे पुरानी हो चुकी हैं. लेकिन अगर अभिनेता वही ब्रेक लें तो खबर आती है कि वह अपनी अगली फिल्म के लिए तैयारी कर रहे हैं और उन्हें एकांत की आवश्यकता है. दरअसल, यहां भी सोच में ही कमी है. अभिनेत्रियों से हमेशा खूबसूरत दिखना और हमेशा परदे पर दिखने की ही उम्मीद की जाती है. जबकि उन्हें भी पूरा हक है कि वे किसी भी कारण से छोटा बे्रक लें. हो सकता है कि कई किरदारों को निभाने के लिए अभिनेत्रियों को भी एकांत की जरूरत हों. िवदेशों में तो अभिनेत्रियां एक एक साल तक तैयारियां करती हैं. तब जाकर अपना किरदार निभाती हंै. उस लिहाज से भारतीय अभिनेत्रियों पर काफी दबाव रहता है. और हमेशा बना रहता है. कंगना ने क्वीन के बाद ब्रेक लेकर स्क्रिप्ट राइटिंग का कोर्स किया. अन्य अभिनेत्रियों को भी छुट्टी की जरूरत होती है. जैसे हम आम लोगों को होती है.ऐसे में उनके पैकअप की बात करना अनुचित है.
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