20150630

ड्रीम प्रोजेक्ट के सपने


करन जौहर के ड्रीम प्रोजेक्ट पर एक बार फिर से ग्रहण लग चुका है. चूंकि पहले ऋतिक रोशन करीना कपूर के ठुकराने के बाद, फिल्म से अब सलमान ने भी अपना हाथ खींच लिया है. हालांकि करन ने नये कास्ट के रूप में वरुण धवन और आलिया भट्ट के नाम की घोषणा की है. लेकिन स्पष्ट है कि करन की तहे दिल से यह इच्छा थी कि सलमान इस फिल्म के साथ जुड़ें. चूंकि करन भी जानते हैं कि जो लोकप्रियता सलमान के पास है. वह अन्य सुपरस्टार्स के पास भी नहीं. सलमान के प्रशंसक गांव गांव में हैं और शुद्धि जैसी फिल्म को सलमान खान जैसे लार्जर देन लाइफ किरदार निभाने वाले कलाकार की जरूरत भी थी. लेकिन सलमान कई कारणों से फिल्म से अलग हो चुके हैं.  गौर करें तो हिंदी सिनेमा में फिल्मकारों व कलाकारों के ड्रीम प्रोजेक्ट्स पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाये हैं. इनमें कुछ न कुछ अड़चने आती रही हैं. फिर वह अनुराग कश्यप की बांबे वेल्वेट हो या शाहरुख खान की रा.वन, आमिर खान की फिल्म मंगल पांडे भी उनकी ड्रीम प्रोजेक्ट थी. सलमान खान की फिल्म वीर भी बड़े पैमाने पर बनी फिल्म थी. फिल्म में वह भव्यता भी नजर आयी थी.लेकिन फिर भी फिल्मअसफल रही. यह शोध का विषय हो सकता है कि आखिर वे क्या कारण हैं, जिनकी वजहों से बड़े सुपरस्टार्स के ड्रीम प्रोजेक्ट्स नाकामयाब रहे. दरअसल, इसकी एक वजह यह भी होती है कि फिल्मकार अपने ऐसे सपनों से इस कदर लगाव कर बैठते हैं कि वे उसे अदभुत तरीके से दर्शाने के चक्कर में छोटी छोटी चूक को नजरअंदाज करते चलते हैं. बांबे वेल्वेट के साथ ऐसा ही हुआ. फिल्म की भव्यता दर्शाने के दौरान कहानी पर फिल्मकार ने ध्यान नहीं दिया, जबकि होना यही चाहिए कि ऐसे प्रोजेक्ट में कहानी को और अहमियत दी जाये. चूंकि कहानी ही दर्शकों को सिनेमा घर तक ला सकती है. शेष और कुछ भी नहीं

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