20150630

प्रोगेसिव सोचवाले निर्माता

 धारावाहिक तू मेरा हीरो में एक पत् नी अपने नकारे पति को सुधारने के लिए खुद मैदान में उतर गयी है. वह रिक् शा चलाने का निर्णय लेती है, जो हर लिहाज से पुरुषों का ही काम माना जाता है.लेकिन वह चाहती है कि इसी बहाने उसके पति को शर्म महसूस हो और वह काम करना शुरू करे. रिक् शा चलाने के एक रेस में उसे कई रिक् शा चालक कि लड़की से नहीं हारना है...जैसी बातें कह रहे.यह कहानी मथुरा जैसे छोटे से शहर की कहानी है. छोटे शहरों में यों भी लड़कियों पर कई चीजों पर बंदिशें होती हैं.ऐसे में शो की नायिका ने जो कदम उठाया है, वह वाकई दर्शाता है कि वहां की लड़कियां इरादों में कितनी मजबूत होती हैं और कितनी मेहनती भी. यह शो शशि और सुमीत मित्तल प्रोडक् शन का शो है. इसी प्रोडक् शन हाउस की देन दीया और बाती हम भी है. इसी प्रोडक् शन का एक और शो ड्रीम गर्ल भी है, जिसमें एक लड़की अभिनेत्री बनने का ख्वाब पाल कर मुंबई शहर आ गयी है. दरअसल, गौर करें तो शशि सुमीत मित्तल प्रोडक् शन हाउस अपनी सोच में काफी विकासशील हैं. उनकी सोच विकसित है. बस टीआरपी दौड़ में यह निर्माता दंपति भी अंधविश्वासी शोज व बिना सिर पैर की कहानियों के लपेट में न आयें तो वर्तमान में सार्थक शोज के निर्माण के लिए उनकी सराहना होनी चाहिए. वे अपने धारावाहिकों के माध्यम से ही सही लेकिन महिलाओं को घर और चुल्हे चौके की राजनीति व सास बहू की राजनीति से दूर अलग एक सकारात्मक दृष्टिकोण देते हैं. इस प्रोडक् शन के शो दीया और बाती की भाभो को देख लें. वह किस तरह अपनी संस्कृति सभ्यता संजोने के साथ साथ अपनी संध्या बिंदनी के साथ खड़ी होती है. पंक्षी के रिश्ते भी अपनी सास से मधुर ही हैं. जीटीवी के नये शो तुम्हीं हो बंधू की दादी भी अपनी बहू को खाना न बनाने की वजह से डांटती नहीं. स्रेह देती है.

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