20150630

ास्ती लोकप्रियता व टीवी

 इन दिनों एक चैनल पर एक नये शो की शुरुआत हो रही है. आमतौर पर शो के प्रेस प्रोमोशन के लिए अलग अलग तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं.ताकि मीडिया में इस बात की चर्चा रहे. कुछ प्रोमोशनल फंडे बेहतरीन भी होते हैं. उन तरीकों से आप शो के कांसेप्ट से रूबरू हो जाते हैं. लेकिन जिस तरह से एक चैनल के धारावाहिक को प्रोमोट करने की कोशिश की जा रही है और मीडिया को सीधे तौर पर बेवकूफ बनाया जा रहा है. वह शो की नकारात्मक छवि  ही मीडिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है. कई लोग जो एकता कपूर को करीब से नहीं जानते. वे सिर्फ अफवाहों के मद्देनजर हमेशा शिकायत करते हैं कि एकता अजीबो गरीब धारावाहिक बनाती हैं या प्रोमोशनल हथकंडे अपनाती हैं.मगर हकीकत यह है कि एकता कम से कम टेलीविजन इंडस्ट्री और अपने धारावाहिकों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट रहती हैं. वे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ भी नहीं करतीं. और न ही कोई पीआर गतिविधियां कराती हैं. उनके शो में अगर मासूमियत है तो मीडिया के सामने वे प्रोमोशन भी उसी अनुसार कराती हैं और यही उनकी यूएसपी भी है, जिसकी वजह से आज वह क्वीन हैं. दरअसल, होना भी यही चाहिए आपके अपने सीरियल के कांसेप्ट और उसकी मासूमियत को बरकरार रखें तभी दर्शक जुड़ते हैं. मासूमियत तो सबसे अधिक बिकती है. मगर पीआर गतिविधियों के क्रम में झूठी मासूमियत दिखा कर मीडिया को बार बार बेवकूफ बनाना उन्हें गुमराह करना भी है. और यह कतई सराहनीय नहीं है. सो, टेलीविजन इंडस्ट्री व मेकर्स को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए कि शो जिस कांसेप्ट और मासूमियत से शुरू किया जा रहा. वह उसे न खोएं और मीडिया को बेवकूफ बना कर आप खुद को बुद्धिमान समझने की कोशिश हरगिज न करें. यह नकारात्मक संकेत हैं.

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