मुझे वह दिन अब भी याद है जब हम आशुतोष ग्वारिकर के साथ फिल्म जोधा अकबर की शूटिंग कर रहे थे. इस फिल्म में घोड़ों का काफी इस्तेमाल हुआ था. खास बात यह थी कि जिस घोड़े की घुड़सवारी मैं कर रहा था. वह मुझसे कम कलाकार नहीं था. अपने निर्देशक की बात को वह पूरी तरह से समझता था. खासतौर से उसने एक् शन शब्द तो कहीं न कहीं अपने दिमाग में फिट कर लिया था. इसलिए जब भी आशु एक् शन कहते. वह घोड़ा कहीं भी हो. दौड़ पड़ता था. जहां उसके दौड़ने की जरूरत नहीं होती थी. वहां भी. आशु इस बात से काफी परेशान हो गये थे. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वह सेट पर अब एक् शन बोलेंगे ही नहीं. फिर उन्होंने सिर्फ ईशारा करना शुरू किया और उसी दिशा निर्देशानुसार हम शूटिंग किया करते थे. लेकिन वह वाकई बेहद हास्य और यादगार लम्हा रहा मेरे लिए.
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20150630
शूटिंग अनुभव घोड़े को एक् शन शब्द से प्यार हो गया था : ऋतिक रोशन
मुझे वह दिन अब भी याद है जब हम आशुतोष ग्वारिकर के साथ फिल्म जोधा अकबर की शूटिंग कर रहे थे. इस फिल्म में घोड़ों का काफी इस्तेमाल हुआ था. खास बात यह थी कि जिस घोड़े की घुड़सवारी मैं कर रहा था. वह मुझसे कम कलाकार नहीं था. अपने निर्देशक की बात को वह पूरी तरह से समझता था. खासतौर से उसने एक् शन शब्द तो कहीं न कहीं अपने दिमाग में फिट कर लिया था. इसलिए जब भी आशु एक् शन कहते. वह घोड़ा कहीं भी हो. दौड़ पड़ता था. जहां उसके दौड़ने की जरूरत नहीं होती थी. वहां भी. आशु इस बात से काफी परेशान हो गये थे. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वह सेट पर अब एक् शन बोलेंगे ही नहीं. फिर उन्होंने सिर्फ ईशारा करना शुरू किया और उसी दिशा निर्देशानुसार हम शूटिंग किया करते थे. लेकिन वह वाकई बेहद हास्य और यादगार लम्हा रहा मेरे लिए.
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