ृकंगना इस बात से खुश हैं कि उनकी फिल्म तनु वेड्स मनु रिटर्न्स देखने के बाद उन्हें फिर से अमिताभ बच्चन ने सराहना पत्र भेजा है. खास बात यह है कि इस बार अमिताभ बच्चन ने एक नहीं दो खत भेजे हैं. उन्होंने दरअसल, इस बार कलाकार कंगना को नहीं, बल्कि उनके द्वारा निभाये गये किरदार तनु और दत्तो के नाम से लिखा है. उन्होंने लिखा है कि दत्तो ने जिस तरह का किरदार निभाया है, उसे देख कर उनके आंसू निकल आये. इस फिल्म में दत्तो के किरदार से वाकई कई दर्शकों को प्यार हो गया है. कई मायनों में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स दर्शकों के सामने कई महत्वपूर्ण बातें परोसती हैं. जैसे इस फिल्म में पहली बार किसी महिला ने किसी पुरुष को बदचलन कह कर संबोधित किया. आनंद एल राय इन बातों को लेकर स्पष्ट हैं कि उनकी फिल्मों की महिला पात्र हमेशा मजबूत रहेंगी. तनूजा अन्य लड़कियों की तरह अपने परिवार की सांस्कारिक लड़की नहीं है. लेकिन फिर भी वह दिल से अच्छी हो सकती है. उसके किस्से बैटमैन की तरह मोहल्ले में लोकप्रिय हैं. यह बात दर्शाती है कि निर्देशक इस बात से सहमत है और दर्शकों को भी रजामंद कराना चाहता है कि हां, वैसी लड़कियां जो घर में बंद कमरों में रहना नहीं चाहतीं. अपने तरीके से जिंदगी जीती हैं. वे उन शहरों के लिए अदभुत और बैटमैन की तरह अनोखी चीज ही होती है, जिसके किस्से उस मोहल्ले में काफी लोकप्रिय होते हैं. फिल्म इन दिनों मल्टीप्लेक्स में भी हाउसफुल इसलिए जा रही है कि फिल्म में सिर्फ मनोरंजन नहीं है. कई मायनों में फिल्म एक साथ दो शहरों की लड़कियों की सोच और उनकी स्थिति को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करती है. दत्तो इस फिल्म की हीरो इसलिए है, क्योंकि उसे अपने जीवन में सिर्फ प्रेम चाहिए था. और कुछ नहीं और प्रेम का मतलब समर्पण भी होता है.
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20150630
आनंद एल राय की बैटमैन
ृकंगना इस बात से खुश हैं कि उनकी फिल्म तनु वेड्स मनु रिटर्न्स देखने के बाद उन्हें फिर से अमिताभ बच्चन ने सराहना पत्र भेजा है. खास बात यह है कि इस बार अमिताभ बच्चन ने एक नहीं दो खत भेजे हैं. उन्होंने दरअसल, इस बार कलाकार कंगना को नहीं, बल्कि उनके द्वारा निभाये गये किरदार तनु और दत्तो के नाम से लिखा है. उन्होंने लिखा है कि दत्तो ने जिस तरह का किरदार निभाया है, उसे देख कर उनके आंसू निकल आये. इस फिल्म में दत्तो के किरदार से वाकई कई दर्शकों को प्यार हो गया है. कई मायनों में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स दर्शकों के सामने कई महत्वपूर्ण बातें परोसती हैं. जैसे इस फिल्म में पहली बार किसी महिला ने किसी पुरुष को बदचलन कह कर संबोधित किया. आनंद एल राय इन बातों को लेकर स्पष्ट हैं कि उनकी फिल्मों की महिला पात्र हमेशा मजबूत रहेंगी. तनूजा अन्य लड़कियों की तरह अपने परिवार की सांस्कारिक लड़की नहीं है. लेकिन फिर भी वह दिल से अच्छी हो सकती है. उसके किस्से बैटमैन की तरह मोहल्ले में लोकप्रिय हैं. यह बात दर्शाती है कि निर्देशक इस बात से सहमत है और दर्शकों को भी रजामंद कराना चाहता है कि हां, वैसी लड़कियां जो घर में बंद कमरों में रहना नहीं चाहतीं. अपने तरीके से जिंदगी जीती हैं. वे उन शहरों के लिए अदभुत और बैटमैन की तरह अनोखी चीज ही होती है, जिसके किस्से उस मोहल्ले में काफी लोकप्रिय होते हैं. फिल्म इन दिनों मल्टीप्लेक्स में भी हाउसफुल इसलिए जा रही है कि फिल्म में सिर्फ मनोरंजन नहीं है. कई मायनों में फिल्म एक साथ दो शहरों की लड़कियों की सोच और उनकी स्थिति को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करती है. दत्तो इस फिल्म की हीरो इसलिए है, क्योंकि उसे अपने जीवन में सिर्फ प्रेम चाहिए था. और कुछ नहीं और प्रेम का मतलब समर्पण भी होता है.
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