रोहित शेट्ठी अपनी आगामी फिल्म दिलवाले की शूटिंग में व्यस्त हैं. उनकी फिल्मों की खासियत रही है कि उनकी अधिकतर फिल्मों में गोवा जरूर नजर आता है. रोहित से हाल ही में हैदराबाद में मुलाकात हुई तो उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि गोवा के लोग उन्हें इस कदर पहचानने लगे हैं कि जब मैं वहां जाता हूं कई महीनों बाद तो वहां के मछुआरे हाथ हिला कर पूछते हैं कि क्या हुआ इस बार देर से क्यों आया. वहां के लोगों से मेरी आत्मीयता हो चुकी है. हाल ही में इम्तियाज अली ने अपनी फिल्म तमाशा के कुछ गीत मीडिया को दिखाये. और मेकिंग के कुछ हिस्से भी जारी किये. इस गीत में भी इम्तियाज वहां के लोगों से काफी आत्मीयता से न सिर्फ नजर आ रहे थे. बल्कि वे लोग उनसे काफी जुड़े हुए से नजर आ रहे थे. इम्तियाज बताते हैं कि हाइवे के दौरान तो कई आम लोगों से उनकी दोस्ती हो गयी थी और जब वे उन जगहों पर आज भी जात ेहैं तो लोग उन्हें याद रखते हैं. राज कपूर के बारे में यह खबरें हमेशा लोकप्रिय रही हैं कि वे आम लोगों को अपना दोस्त बनाने में उस्ताद थे. वे फौरन लोगों से हिल मिल जाते थे. दरअसल, एक अच्छे निर्देशक की यह खूबियां हैं, कि वह किस तरह अपनी बातचीत से आम लोगों से कनेक्ट कर सके. शायद यही वजह है कि ये निर्देशक दर्शकों के करीब होते हैं और उन्हें करीब से समझ पाते हैं. बहुत हद तक इन निर्देशकों की फिल्में लोगों को कनेक्ट कर पाती हैं. रोहित शेट्ठी ने इस बातचीत के दौरान एक बात कही कि मैं जब कार उड़ाता हूं अपनी फिल्मों में तो उस वक्त अगर आप अपने बच्चों के साथ फिल्म देख रहे होते हैं तो सिर्फ बच्चे का चेहरा देखें. वह किस तरह खुश होते हैं. तो मेरी कोशिश होती है कि मैं बच्चों के लिए भी फिल्म में कुछ डालने की कोशिश करूं. दरअसल, हकीकत यही है कि मास का निर्देशक वही है, जो आम लोगों से जुड़े हुए हों.
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