शाहरुख खान ने हाल ही में मुंबई में पत्रकारों के साथ अपना 50वां जन्मदिन मनाया. इस जन्मदिन की खास बात यह थी कि शाहरुख खान ने मीडिया के सारे सवालों का खुले दिल से जवाब दिया. विशेष कर देश के वर्तमान में चल रहे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत की. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कि देश में किस तरह धर्म और जात पात को लेकर विवाद हो रहे हैं. अवार्ड की वापसी की बात की जा रही है. उन्होंने इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कई खास बातें कही कि किसी भी आर्ट का कोई धर्म नहीं होता. कोई कलाकार कला से बड़ा नहीं होता. सो, हमें सम्मान कला की करनी चाहिए. जब व्यक्ति अच्छा गाता है, तो वह अच्छा गाता है. वह कहां से आया है, क्यों आया है. कौन सी भाषा बोलता है, इन बातों पर ध्यान देना कला का अनादर किया जाना है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में दिबाकर बनर्जी और अनुपम खेर दरअसल, जो गुटों में नहीं बंटे हैं, बल्कि वे अपना प्वॉइंट आॅफ व्यू रख रहे हैं और उनका प्वाइंट आॅफ व्यू रखा जाना यह दर्शाता है कि देश में अब भी टॉलरेंस की संभावना है और किसी देश के लिए जरूरी है कि चर्चा हो और दोनों अपनी बातों को रखें. आमतौर पर सेलिब्रिटी ऐसे सवालों के जवाब देने से बचते हैं. लेकिन शाहरुख लगातार मीडिया से ये बातें कर रहे हैं. एक सुपरस्टार का जन्मदिन पर अपने विचार व्यक्त करना दर्शाता है कि सुपरस्टार होने के बावजूद शाहरुख खुद को देश से काट कर रखना नहीं चाहते. उनकी बातचीत ही दर्शाती है कि वह अपनी जवाबदेही समझ रहे हैं. उनकी बातचीत पर कुछ कट्टर धर्मपंतियों ने फिर से उन पर उंगलियां खड़ी की हैं कि वे किसी अन्य देश के एजेंट हैं. ऐसे आरोपों की वजह से ही सुपरस्टार्स चाह कर भी ऐसे मुद्दों पर अपनी बातें नहीं रखते. अगर शाहरुख आगे आये हैं तो उनके विचारों का स्वागत होना चाहिए.
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