अक्षय कुमार फिल्म एयरलिफ्ट से एक अलग तरह की कहानी कहने दर्शकों के सामने आ रहे हैं. हाल ही में मुंबई के फिल्मीस्तान स्टूडियो में स्थित सेट पर अक्षय कुमार से बातचीत हुई. उन्होंने फिल्म के विषय व कई पहलुओं पर खास बातचीत की.
अक्षय, एयरलिफ्ट की कहानी का विषय बिल्कुल अनसुना सा है. जबकि यह उस दौर की बड़ी खबरों में से एक रही होगी?
जी हां, यह उस दौर की बड़ी खबरों में से एक थी. लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि इस घटना की चर्चा उस दौर में भी न तो किसी अखबार में थी. न ही किसी चैनल पर दिखाई गयी थी. इसके पीछे वजह यही थी कि इस घटना से संबंधित राजनैतिक इश्यू बहुत थे. उस दौर में हम सद्दाम हुसैन के नजदीक थे. तो यह खबर दबा दी गयी थी.वरना, उस दौर में आम सिविलियन 1लाख 70 हजार से अधिक लोगों को बचा कर ले आते हैं. वह भी 59 दिन में और इतनी बड़ी खबर लोगों को पता ही नहीं. हाल ही में यमन की खबर के बारे में सभी जानते हैं. लेकिन इस खबर के बारे में किसी को जानकारी नहीं. तो मुझे लगा कि यह कहानी दर्शकों के सामने तो आनी ही चाहिए.
अगर अधिक दस्तावेज मौजूद नहीं हैं तो रिसर्च करने में परेशानी तो आयी होगी?
खास बात यह है कि हमारे निर्देशक के कई रिलेटिव्स उस दौर में इस घटना में फंसे थे. वे लोग केरल से हैं और उन्होंने इसके बारे में सारी जानकारी दी तो हम सच्चाई के बहुत करीब इसी वजह से पहुंच पाये हैं.
फिल्म में हमने सुना है गाने भी हैं.ऐसी गंभीर फिल्म में गानों की गुंजाईश बनती है?
यह फिल्म गंभीर होने के साथ साथ इमोशनल फिल्म भी है. और इमोशन को दिखाने के िलए गानों की जरूरत होती ही है. टीसीरिज के भूषण ने चार गाने दिये हैं और बेहतरीन गाने हैं. इमोशनल गाने हैं. दर्शकों को पसंद आयेंगे.
आपने कहा कि उस दौर में पॉलिटिकल इश्यू की वजह से यह खबर दब गयी थी. तो अब जबकि यह फिल्म आ रही है तो कहीं न कहीं उन्हें परेशानी नहीं होगी?
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो हर किसी के पास है. आप लोगों को भी मनाही के बावजूद आप वही लिखते हैं. जो आप लिखना चाहते हैं. तो फिर उस वक्त भी तो कोई कुछ कर नहीं पाता. स्पष्ट है कि हम हकीकत पर आधारित रियल स्टोरी दिखा रहे हैं. जाहिर है, हम झूठ का सहारा नहीं ले रहे और न ही किसी पब्लिसिटी के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि कोई परेशानी होनी चाहिए. यह एक देशभक्ति की फिल्म है कि किस तरह तीन आम लोगों ने मिल कर जो कि एक बिजनेसमैन थे लेकिन ेदश के लिए इतना बड़ा कदम उन्होंने उठाया. और उसे सफल करके दिखाया.
फिल्म में उस दौर को क्रियेट करना कितना कठिन रहा?
यह जिम्मेदारी निर्देशक ने ही उठायी है. हां, मगर मैंने अपने लुक में और अभिनय में वैसी चीजें रखने की कोशिश की है कि वह इस दौर का नजर न आये. कई विटेंज चीजों का इस्तेमाल हुआ है.
अक्षय, आप सिंह इज ब्लिंग, हाउसफुल जैसी फिल्में भी करते हैं फिर बेबी, हॉलीडे जैसी भी करके लोगों को चौंकाते हैं. आपको खुद का कौन सा किरदार अधिक पसंद है?
मैं तो हर तरह के किरदारों को निभाने में यकीम रखता हूं. जैसे मैं सिर्फ बेबी जैसी फिल्में भी नहीं करते रह सकता. चूंकि यह फिल्में काफी गंभीर हो जाती हैं तो फिर मुझे ब्रेक की जरूरत हो जाती है. अभी मैं एयरलिफ्ट की शूटिंग खत्म करके हाउसफुल 3 की शूटिंग में लग जाऊंगा और मैं काफी खुश रहूंगा चूंकि वैसी फिल्मों में भी अलग मस्ती होती है और हम तो काफी मजे भी कर रहे हैं वहां.तो मुझे हर तरह के किरदार चाहिए.
इनटॉलरेंस को लेकर काफी चर्चाएं चल रही हैं. आपकी क्या राय है?
मैं तो बस इतना जानता हूं कि शूटिंग कहीं भी करूं. मुझे अपने देश मुंबई लौटने में काफी खुशी मिलती है. मैं कोई हॉलीवुड की फिल्में नहीं कर रहा. न ही दिलचस्पी है . क्योंकि मुझे मेरे वतन से प्यार है. और मैं खुश हूं.
इस दौर में आकर जबकि आप सुपरस्टार हैं, सबकुछ हासिल कर लिया है. फिर भी चुनौती क्या लगती है?
मैं कुछ सालों में 50 साल का हो जाऊंगा. तो इस वक्त भी खुद को फिट रखना, अच्छा काम करना. लगातार खुद को मांझना, लगातार मेहनत करना और अपना 100 प्रतिशत देना कठिन है. अच्छा लगता है जब कोई 27 साल का व्यक्ति आकर मुझे बोले कि मैं उनसे अधिक फिट नजर आता हूं. तो यह चुनौती है कि दर्शकों की डिमांड पर मैं किस तरह खरा उतरूं.
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