20151126

शो में सीता आम लड़की की तरह होगी-मदिराक्षी


 मायथोलॉजिकल सीरियल के इस दौर में स्टार प्लस सिया के राम के ज़रिए रामायण की कहानी कहने जा रहा है।खास बात यह है कि यहाँ रामायण की कहानी राम के ज़रिए नहीं बल्कि सीता को केंद्र बिंदु में रखकर कही जाने वाली है. उनके नज़रिए से ही रामायण की कथा स्क्रीन पर परिभाषित होगी।
 अपने बैकग्राउंड के बारे में बताइए
  मैं साउथ की फिल्मों का हिस्सा हूँ।यह मेरा पहला टेलीविज़न प्रोजेक्ट है।अर्टिकेट फैमिली से हूं।मैं भी वही पढाई कर रही थी। एक प्रोजेक्ट कर रही थी बस उसी दौरान मुझे फिल्मों का ऑफर मिला और मैं उनका हिस्सा बन गयी। मैं किस्मत में बहुत यकीं रखती हूँ।
 इस शो से किस तरह से जुड़ना हुआ
 निखिल सर और सुहाना जी की टीम से  पंकज जी ने मुझे छह से सात महीने पहले ही अप्प्रोच किया था। अपने करंट प्रोजेक्ट में मैं बिजी थी ,मैं टेलीविज़न करने  लिए तैयार नहीं थी। उन्होंने बताया नहीं था कि इतना बड़ा शो है।हां हां करके नहीं गयी। उन्होंने कहा कि आप डी वी डी भेज दे। कमाल की बात ये है कि अब तक वह डीवीडी आज तक नहीं पहुंचा और मैं सीता बन भी गयी।
 फिर किस तरह से इस शो का हिस्सा बनी
 लुक टेस्ट के लिए लगातार अप्प्रोच कर  रहे थे।शायद पंकज जी को समझ आ गया कि मैं टेलीविज़न होने की वजह से इस शो से नहीं जुड़ रही हूँ।तब उन्होंने मुझे बताया ।स्टारप्लस और इस सीरियल के प्रोडक्शन हाउस और शो से जुडी सोच को।वाकई इससे अच्छा टेलीविज़न पर क्या लांच हो सकता है।मेरे पिता मॉयथोलोजिकल शो के फैन हैं। वह रिकॉर्ड करके  शो को बार बार देखते हैं।उनको जब से मालूम हुआ कि मैं सीता बनने वाली हूँ।वह खुद को आईएस ऑफिसर समझने लगे हैं।
 सीता के किरदार के लिए आपने कितना होमवर्क किया।
  जब लुक टेस्ट हुआ और  फाइनल काल आया  उसके बीच में एक महीने  गैप आया था। मैंने उसी में शो से जुडी ज़्यादातर तैयारी कर ली थी।लुक टेस्ट के दिन मुझे बहुत ही पॉजिटिव रिस्पांस मिला था। दिलीप ताहिर जी ने मेरी  बहुत तारीफ की थी कि हमने उनकी फिल्म देखकर बड़े हुए हैं। उन्हें लगा कि मुझसे बेहतर इस किरदार के लिए और कोई नहीं हो सकता है।यह मेरे लिए सम्मान की बात है।तैयारी की बात करूँ तो  दो सीता पर लिखी किताबें पढ़ ली।पूरी रामायण देखी।जिससे रामायण के सभी पात्र और सीता से जुड़े उनके रिश्ते समझ आ सके।दीपिकाजी ने बहुत ही खूबसूरती से सीता का किरदार जिया है।उनकी तरह चेहरे पर मासूमियत और सहजता रखने की मेरी कोशिश होगी। इन दिनों  देवदत्त पटनायक  भी मुझे गाइड कर रहे हैं। हमारे सीरियल  मेंटर हैं। हमारे देश में मॉयथोलॉजिकल में वह एक्सपर्ट हैं। अनिरुद्ध पाठक सर भी अपने इनपुट्स दे रहे हैं।हमें पता है कि हम इस शो से जुड़े  किरदारों में गलती नहीं  कर सकते हैं क्यूंकि आम आदमी की भावनाएं उससे जुडी है।
 सिया के राम शो में कहानी सीता के नज़रिए से कहने के अलावा और क्या अलग होगा?
 रामायण की कहानी पुरानी है लेकिन यह २१ वी सदी के नज़रिए से कही जायेगी।यहाँ सीता या दूसरे पात्र भगवान् की तरह नहीं दर्शाए जायेंगे।उनके सर के पीछे चक्री नहीं घूमेगी।यह किरदार आम लोगों की तरह होंगे।जिससे लोग उसे देखकर हाथ न जोड़े बल्कि खुद से जुड़ाव महसूस करे।मुझे हर लड़की में सीता के गुण नज़र आते हैं।बच्ची में मासूमियत के रूप में बड़े होने पर ज़िम्मेदार रूप में। ज़िन्दगी के कई मोड़ पर हम लडकियां सीता की तरह ही मजबूत और आत्मनिर्भर नज़र आते हैं।
 सीता के व्यक्तित्व से आप कितना जुड़ाव महसूस करती हैं
रियल लाइफ में मैं भी बहुत शांत हूँ।मुझे जल्दी गुस्सा नहीं आता है। परिपक्व हूँ। सीता जी की तरह आत्मनिर्भर हूँ। कई बातें एक सी हैं लेकिन फिर भी सीताजी का किरदार निभाने में मुश्किल तो होता ही है। लोगों की भक्ति भावना जुडी रहती है।

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