जीटीवी के शो टशनएइश्क में वैष्णवी मेकडोनल्ड इन दिनों लीला तनेजा का किरदार निभा रही हैं. अपने अब तक के करियर में वैष्णवी ने बिल्कुल अपनी छवि के विपरीत किरदार को चुना है और दर्शक उन्हें पसंद भी कर रहे हैं.
टशनएइश्क में जितनी चर्चा शो के लीड किरदारों को लेकर हो रही है. आपके किरदार को भी दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं?
हां, मुझे खुशी है कि मैंने जो छवि तोड़ी है. लोगों को मेरा किरदार पसंद आ रहा है. मैं खुद चाहती थी कि अब तक मैंने जिस तरह के किरदार निभाये हंैं. दर्शकों के सामने उससे कुछ अलग करूं. इसलिए मैं खुश हूं कि मेरे पास यह किरदार आया और सही समय पर आया. जब मैं खुद कुछ अलग करने की कोशिश में जुटी थी. मैं खुद टिपिकल मां वाले किरदार निभा कर बोर हो चुकी थी. इसलिए यह मजेदार किरदार मुझे रास आया.
आॅन स्क्रीन तो ईवा ग्रोवर के साथ आपके टशन रहते हैं. लेकिन आॅफ स्क्रीन आपदोनों में कैसी केमेस्ट्री है.
मैं ईवा को काफी सालों से जानती हूं. इतने सालों से जब टेलीविजन का परदा उतना बड़ा भी नहीं हुआ था. हम दोनों ने लगभग एक साथ ही शुरुआत की थी. इसलिए हम दोनों ने ही वही माहौल देखा है. टेलीविजन के बदलते दौर को देखा है. यही वजह है कि हम दोनों की आपस में खूब बनती है. आॅफ स्क्रीन हम खूब गप्पे मारा करते हैं.
आप हमेशा से ही एक्टर ही बनना चाहती थीं?
हां, सच कहूं तो एक्टिंग में दाखिला तो मैंने बचपन में ही ले लिया था. उस वक्त मैं 6 साल की थी जब मैंने एक फिल्म जिसका नाम वीराना था. उसमें काम किया था. मुझे उस वक्त ही यह बात समझ आ गयी थी कि मंै कैमरे से अच्छी दोस्ती कर सकती हूं. क्योंकि मुझे याद है, मैं तुरंत कैमरा फ्रेंडली हो गयी थी. शायद यही वजह है कि मैं नैचुरल एक्टिंग कर पाती हूं. हालांकि उस वक्त काफी पहले शुरुआत हो जाती और मैं ऐसा नहीं चाहती थी. मैंने तय किया कि मैं पढ़ाई पूरी करूंगी. उस दौरान मैंने कुछ फिल्में की. लेकिन मुझे एहसास हुआ कि फिल्मों की दुनिया मुझसे थोड़ी अलग है. तो मैंने तय किया कि मैं फिल्में नहीं करूंगी. टीवी शो करूंगी. इसके बाद मुझे टीवी शो में लीड रोल आॅफर हुए. इसके बाद मैंने इस इंडस्ट्री से दोस्ती कर ली और आज तक ये इश्क कायम है.मुझे लगता है कि टेलीविजन कलाकारों को बड़े मौके देता है. आप इसमें सुरक्षित रहते हैं.इसी माध्यम ने मुझे पहचान दी है. सो, मैं छोटे परदे से बहुत प्यार करती हूं.
कभी किसी किरदार को न कर पाने का दुख हुआ आपको?
हां, मुझे अस्तित्व एक प्रेम कथा करने का आॅफर मिला था और मेरी दिली ख्वाहिश् थी कि मैं यह किरदार जरूर निभाऊं. लेकिन उस समय मैं गर्भवती थी. और यही वजह है कि मैं इस शो का हिस्सा नहीं बन पायी. वरना, मैंने शो की शूटिंग भी शुरू कर दी थी.
अपने अब तक के सफर को किस तरह देखती हैं आप?
मेरा सफर वाकई काफी अच्छा रहा. मैंने हमेशा जो भी किरदार निभाये. सशक्त किरदार निभाये. मां की भूमिकाओं में भी मैं अहम किरदारों में रही. कहानी का हिस्सा मैं तभी बनती हूं जब मेरी भूमिका को खास महत्व दिया जाये. मैं जिस तरह के किरदार करना चाहती थी. मैंने किये हैं और इसलिए मैं अपने काम से बिल्कुल खुश और संतुष्ट हूं.
कभी किरदारों में टाइपकास्ट होने का डर लगता है?
नहीं मुझे नहीं लगता. मैं हर किरदार के साथ खुद को ग्रो करती हूं. मैं पंजाबी नहीं हूं. लेकिन इस शो में मैं पंजाबी बोल रही हूं. मुझे पहले दिन ही शूटिंग के बाद निर्देशक से तारीफ मिली. उन्होंने कहा कि मैं भाषा को अच्छे से पकड़ पा रही हूं. इससे स्पष्ट होता है कि आपका काम अच्छा हो रहा है. तो मैं अपनी तरफ से इनपुट्स देने की कोशिशें करती रहती हूं और मुझे कामयाबी भी मिलती है. सो, मुझे लगता है कि दर्शक मेरे काम से बोर नहीं हुए हैं.
आपने जब शुरुआत की थी और अब के दौर में कितना फर्क देखती हैं, टेलीविजन की दुनिया में?
टेलीविजन अब पहले से कहीं ज्यादा विकसित हो गया है. अब तकनीकी रूप से भी छोटा परदा छोटा नहीं रहा है. यह अब ज्यादा व्यावसायिक हो गया है. लेकिन इसकी सादगी और मासूमियत कहीं खो गयी है. उस मासूमियत को मैं मिस करती हूं. जो आज से करीब 15 साल पहले हुआ करते थे. हम उस वक्त किसी भी धारावाहिक के एक भी एपिसोड मिस नहीं करना चाहते थे. आज ऐसा नहीं है.
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