कंगना ने अपनी बातचीत में इस बात का इजहार किया कि उन्हें खुशी है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी किसी की सलाह नहीं ली. किसी को गॉडफादर नहीं बनाया, किसी की वजह से अपने मुकाम तक नहीं पहुंची. फिर वह चाहे उनके माता पिता ही क्यों न हो. किसी ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद नहीं की. उन्होंने साफ शब्दों में इस बाद का इजहार किया कि उन्होंने शुरुआती दौर में कुछ बड़ी गलतियां की हैं. वे कुछ ऐसे लोगों के चंगुल में फंस गयी थीं, जिन्होंने उन्हें बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उस दौर में कंगना बिल्कुल युवा थी और युवा दौर में लोग कई गलतियां कर जाते हैं. लेकिन कंगना को इस बात की खुशी है कि वे उन परेशानियों से खुद जूझीं और उन्होंने खुद एक मुकाम बनाया. और यही वजह है कि आज वे आजाद पंक्षी हैं. वे किसी की बातों की फिक्र नहीं करतीं. सिर्फ अपना काम करती हैं.दरअसल, हकीकत भी यही है कि जब आप किसी को गुरु मान बैठते हैं या किसी के एहसान तले दब जाते हैं तो ताउम्र न चाहते हुए भी दबाव बना रहता है और आप स्वतंत्र ख्वाब नहीं देख पाते.फिल्म इंडस्ट्री में यह रीत पुरानी रही है कि जिन्हें गॉडफादर मिले हैं. उन्हें बड़े मौके मिले हैं. हालांकि कई कलाकार जैसे नवाजुद्दीन सिद्दिकी व उनके जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को अनुराग कश्यप जैसे पारदर्शी निर्देशक की जरूरत जरूर होती है. यह व्यक्ति व्यक्ति पर भी निर्भर करता है कि वह अपने गॉडफादर को किस श्रेणी में रखते हैं और किस तरह उन्हें तवज्जो देते हैं. सलमान मानते हैं कि आपको जो पहला मौका दे, उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए. यह गॉडफादर पर भी निर्भर करता है कि वह किस नि: स्वार्थ भाव से किसी को प्रकाश की ओर ले जा रहा है. हकीकत यही है कि गुरु वही है जो अंधकार से उजाले की तरफ ले जाये. लेकिन निश्चल भाव से.
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