जॉन अब भी खुद को मध्यम वर्ग का ही मानते हैं. वे इंटरव्यू के दौरान भी स्टारडम न दिखाते हुए सभी से आदर भाव से मिलते हैं. हाल में जब वे वेलकम बैक के लिए बातचीत करने आये. उन्होंने सिर में तेल लगा रखा था. पैर में चप्पल डाल रखी थी.जॉन के परदे के अवतारों को देख कर शायद ही उनके प्रशंसक इस बात पर विश्वास करें, लेकिन वर्तमान दौर में शायद ही किसी स्टार को मैंने इस हुलिये में देखा है. यही दर्शाता है कि जॉन कितने सुरक्षित हैं और उनमें कहीं से भी खो जाने का डर नहीं है. जॉन ने स्वीकारा है कि किसी दौर में उन्हें जिप्सी खरीदनी थी और उस वक्त उसकी कीमत 80 हजार रुपये थी. लेकिन उनके पास उतने पैसे ही नहीं थे. लेकिन आज जब उनके पास पैसे हुए भी तो उनकी इच्छा नहीं बदली. उन्होंने जिप्सी खरीदी और आज भी वे इसी से यात्रा करते हैं. उनके फिल्मी दोस्त उन्हें राय भी देते हैं कि वे अपनी कार बदल दें. लेकिन जॉन को इससे बेहद प्यार है.दरअसल, गौर करें तो हमारी महत्वकांक्षा को हम प्राय: अपनी आर्थिक स्थिति पर तय करते हैं. और जैसे जैसे हम आर्थिक रूप से समृद्ध होते जाते हैं. हमारी महत्वकांक्षा फौरन बदल जाती है. जबकि महत्वकांक्षा हमेशा आजाद होनी चाहिए. एक व्यक्ति जिसके पास चार पैसे खाने के लिए नहीं, फिर भी वह पंच सितारा होटल के ख्वाब देखता है तो वह भी गलत नहीं और उसे पाने की कोशिश भी करता है. लेकिन जब वह इसमें कामयाब हो जाता है तो उसकी महत्वकांक्षा पांच से बढ़ कर सात सितारा होटल की हो जाती है. चूंकि हमारी महत्वकांक्षा हमारी आर्थिक स्थिति की बेड़ियों में जकड़ी हुई है. सब कुछ हासिल करने के बावजूद उस आजादी को बरकरार रख पाना एक कठिन तपस्या ही है और शायद इस तपस्या में जॉन कामयाब हैं. और उनकी यह खासियत निस्संदेह उन्हें औरों से अलग श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती है.
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